BNS Section 16 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita) की धारा 16 क्या हैं ( What is BNS Section 16 in Hindi) इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। पहले हमारे देश में भारतीय दंड संहिता यह कानून था। लेकिन अब इसकी जगह भारतीय न्याय संहिता ने ली हैं। अभी संसद द्वारा पारित तीन विधेयकों ने अब कानून का रूप लिया हैं। भारतीय दंड संहिता को अंग्रेजों ने लागू किया था। अंग्रेजों के समय से भारत में भारतीय दंड संहिता लागू थी।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 16 क्या हैं ? BNS Section 16 In Hindi
अंग्रेजों के काल से जो आपराधिक कानून भारत में लागू थी उनकी जगह लेने वाले तीन संशोधन विधेयकों पर कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दी। अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता ने ली हैं। भारतीय न्याय संहिता की धारा 16 में न्यायालय के निर्देश या आदेश के अनुसरण में किए गए कार्य के बारे में जानकारी दी गई है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 16 क्या हैं इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी यह पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।
भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita) की धारा 16 क्या हैं ( What is BNS Section 16 in Hindi) ?-
भारतीय न्याय संहिता की धारा 16 में न्यायालय के निर्देश या आदेश के अनुसरण में किए गए कार्य के बारे में जानकारी दी गई है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 16 के अनुसार कोई बात, जो न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में की जाए या उसके द्वारा अधिष्टित हो, अगर वह उस निर्णय या आदेश के प्रवृत रहते, की जाए, अपराध नहीं हैं, चाहे उस न्यायालय को ऐसा निर्णय या आदेश देने की अधिकारिता न रही हो, परंतु यह तब जब की वह कार्य करने वाला व्यक्ती सद्भावपूर्वक विश्वास करता हो की उस न्यायालय को वैसी अधिकारिता थी।
अब इस धारा को हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं। ऐसा कोई भी कार्य अपराध नहीं हैं जो न्यायालय के आदेश से की जाती हैं फिर चाहे वह बाकी के लोगों को अपराध लगे।
अब इस धारा को हम आपको उदाहरण देकर समझाते हैं। मान लीजिए न्यायालय ने एक अधिकारी को एक दिवार गिराने का आदेश दिया क्योंकी वह दिवार अतिक्रमण के अंतर्गत आ रही थी। इस मामले में अधिकारी द्वारा जो कार्य किया गया हैं वह अपराध के श्रेणी में नहीं आएगा क्योंकी उस अधिकारी को वह कार्य करने के लिए न्यायालय से आदेश दिया गया था।
FAQ
भारतीय न्याय संहिता में कितनी धारा हैं ?
भारतीय न्याय संहिता में 356 धारा हैं।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 16 में किस बारे में जानकारी दी गई है ?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 16 में न्यायालय के निर्देश या आदेश के अनुसरण में किए गए कार्य के बारे में जानकारी दी गई है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 16 क्या हैं ?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 16 के अनुसार कोई बात, जो न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में की जाए या उसके द्वारा अधिष्टित हो, अगर वह उस निर्णय या आदेश के प्रवृत रहते, की जाए, अपराध नहीं हैं, चाहे उस न्यायालय को ऐसा निर्णय या आदेश देने की अधिकारिता न रही हो, परंतु यह तब जब की वह कार्य करने वाला व्यक्ती सद्भावपूर्वक विश्वास करता हो की उस न्यायालय को वैसी अधिकारिता थी।
इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय न्याय संहिता की धारा 16 क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी है। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !