BNS Section 29 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita) की धारा 29 क्या हैं ( What is BNS Section 29 in Hindi) इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। पहले हमारे देश में भारतीय दंड संहिता यह कानून था। लेकिन अब इसकी जगह भारतीय न्याय संहिता ने ली हैं। अभी संसद द्वारा पारित तीन विधेयकों ने अब कानून का रूप लिया हैं। भारतीय दंड संहिता को अंग्रेजों ने लागू किया था। अंग्रेजों के समय से भारत में भारतीय दंड संहिता लागू थी।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 29 क्या हैं ? BNS Section 29 In Hindi
अंग्रेजों के काल से जो आपराधिक कानून भारत में लागू थे उनकी जगह लेने वाले तीन संशोधन विधेयकों पर कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दी। अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता ने ली हैं।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 29 में ऐसे कार्यों का अपवर्जन जो कारित अपहानि के बिना भी स्वत: अपराध हैं इसके बारे में जानकारी दी गई है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 29 क्या हैं इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी यह पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।
भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita) की धारा 29 क्या हैं ( What is BNS Section 29 in Hindi) ?-
भारतीय न्याय संहिता की धारा 29 में ऐसे कार्यों का अपवर्जन जो कारित अपहानि के बिना भी स्वत: अपराध हैं इसके बारे में जानकारी दी गई है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 29 के अनुसार धारा 21, 22और 23 के अपवादों का विस्तार उन कार्यों पर नहीं हैं जो उस अपहानि के बिना भी स्वत: अपराध हैं जो उस व्यक्ति को, जो संमति देता हैं या जिसकी ओर से संमति दी जाती हैं, उन कार्यों से कारित हो, या कारित किए जाने का आशय हो, या कारित होने की संभाव्यता ज्ञात हो।
दृष्टांत –
गर्भपात कराना (जब तक की वह उस स्त्री का जीवन बचाने के प्रयोजन से सद्भावपूर्वक कारित न किया गया हो) किसी अपहानि के बिना भी, जो उसने उस स्त्री को कारित हो या कारित करने का आशय हो, स्वत: अपराध हैं। इसलिए वह ”ऐसी अपहानि के कारण” अपराध नहीं हैं ; और ऐसा गर्भपात कराने की उस स्त्री की या उसके संरक्षक की संमति उस कार्य को न्यायानुमत बनाती हैं।
FAQ
भारतीय न्याय संहिता में कितनी धारा हैं ?
भारतीय न्याय संहिता में 356 धारा हैं।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 29 में किस बारे में जानकारी दी गई है ?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 29 में ऐसे कार्यों का अपवर्जन जो कारित अपहानि के बिना भी स्वत: अपराध हैं इसके बारे में जानकारी दी गई है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 29 क्या हैं ?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 29 के अनुसार धारा 21, 22और 23 के अपवादों का विस्तार उन कार्यों पर नहीं हैं जो उस अपहानि के बिना भी स्वत: अपराध हैं जो उस व्यक्ति को, जो संमति देता हैं या जिसकी ओर से संमति दी जाती हैं, उन कार्यों से कारित हो, या कारित किए जाने का आशय हो, या कारित होने की संभाव्यता ज्ञात हो।
इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय न्याय संहिता की धारा 29 क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी है। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !