भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 क्या हैं ? BNS Section 58 In Hindi

BNS Section 58 In Hindi हॅलो‌ ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita) की धारा 58 क्या हैं ( What is BNS Section 58 in Hindi) इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। पहले हमारे देश में भारतीय दंड संहिता यह कानून था। लेकिन अब इसकी जगह भारतीय न्याय संहिता ने ली हैं। अभी संसद द्वारा पारित तीन विधेयकों ने अब कानून का रूप लिया हैं। भारतीय दंड संहिता को अंग्रेजों ने लागू किया था। अंग्रेजों के समय से भारत में भारतीय दंड संहिता लागू थी।

BNS Section 58 In Hindi

भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 क्या हैं ? BNS Section 58 In Hindi

अंग्रेजों के काल से जो आपराधिक कानून भारत में लागू थे उनकी जगह लेने वाले तीन संशोधन विधेयकों पर कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दी। अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता ने ली हैं। भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 में मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना इसके बारे में जानकारी दी है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 क्या है इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी यह पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।

भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita) की धारा 58 क्या हैं ( What is BNS Section 58 in Hindi) ?-

भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 में मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना इसके बारे में जानकारी दी है।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 के अनुसार जो कोई मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध का किया जाना सुकर बनाने के आशय से या संभाव्यत: तद्द्वारा सुकर बनाएगा यह जानते हुए, ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना के अस्तित्व को किसी कार्य या लोप द्वारा या विग्दन अथवा किसी अन्य सूचना प्रच्छन्न साधन के उपयोग द्वारा स्वेच्छया छिपाएगा या ऐसी परिकल्पना के बारे में ऐसा व्यपदेशन करेगा जिसका मिथ्या होना वह जानता है,-

क) यदि ऐसा अपराध कर दिया जाए, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात साल तक की हो सकेगी, अथवा

ख) यदि अपराध न किया जाए, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन साल तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और दोनों दशाओं में से हर एक में जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

दृष्टांत –

क, यह जानते हुए की ख स्थान पर डकैती पड़ने वाली हैं, मजिस्ट्रेट को यह मिथ्या इत्तिला देता हैं की डकैती ग स्थान पर, जो विपरीत दिशा में हैं, पड़ने वाली हैं और इस आशय से की एतद्द्वारा उस अपराध का किया जाना सुकर बनाए मजिस्ट्रेट को भुलावा देता हैं। डकैती परिकल्पना के अनुसरण मैं ख स्थान पर पड़ती हैं। क इस धारा के अधीन दंडनीय हैं।

‌FAQ

भारतीय न्याय संहिता में कितनी धारा हैं ?

भारतीय न्याय संहिता में 356 धारा हैं।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 में किस बारे में जानकारी दी गई है ?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 में मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना इसके बारे में जानकारी दी है।

इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 क्या है इसके बारे में जानकारी दी है। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !

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