IPC Section 102 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 102 के बारे में जानकारी दी हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 102 में शरीर के प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार के प्रारंभ और बने रहने के बारे में जानकारी दी हैं। इस पोस्ट में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 102 क्या हैं ? IPC Section 102 In Hindi
भारतीय दंड संहिता की धारा 102 क्या हैं ?-
भारतीय दंड संहिता की धारा 102 में शरीर के प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार के प्रारंभ और बने रहने के बारे में जानकारी दी हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 102 के अनुसार शरीर के प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार उसी वक्त से शुरू हो जाता हैं , जब धमकी या फिर अपराध करने के प्रयास से शरीर के संकट की युक्तीयुक्त आशंका पैदा हो जाती है, चाहे फिर वह अपराध नहीं भी किया गया हो, और यह प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार तब तक बना रहता हैं जब तक शरीर के संकट की इस तरह की आशंका बनी रहती हैं।
इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 102 के बारे में जानकारी दी हैं। हमारी यह पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद!
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