भारतीय दंड संहिता की धारा 106 क्या हैं ? IPC Section 106 In Hindi

IPC Section 106 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 106 क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। भारतीय दंड संहिता में अपराध और उनकी सजा के बारे में जानकारी दी गई है। भारतीय दंड संहिता को अंग्रेज शासनकाल में लागू किया गया था।

IPC Section 106 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 106 क्या हैं ? IPC Section 106 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 106 में घातक हमले के खिलाफ निजी रक्षा के अधिकार के बारे में जानकारी दी हुई हैं। भारतीय दंड संहिता के धारा 96 से लेकर धारा धारा 106 तक आत्मरक्षा के बारे में बताया गया हैं।

इसी तरह से भारतीय दंड संहिता की धारा 106 में जब निर्दोष व्यक्ती को नुकसान पहुंचाने की जोखिम होती हैं तब निजी बचाव के अधिकार के बारे में जानकारी दी गई है। भारतीय दंड संहिता के धारा 106 के बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।

भारतीय दंड संहिता की धारा 106 क्या हैं ?-

भारतीय दंड संहिता की धारा 106 में घातक हमले के खिलाफ निजी रक्षा के अधिकार के बारे में जानकारी दी हुई हैं। भारतीय दंड संहिता के धारा 96 से लेकर धारा धारा 106 तक आत्मरक्षा के बारे में बताया गया हैं। इसी तरह से भारतीय दंड संहिता की धारा 106 में जब निर्दोष व्यक्ती को नुकसान पहुंचाने की जोखिम होती हैं तब निजी बचाव के अधिकार के बारे में जानकारी दी गई है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 106 –

जिस मामले में मृत्यु की आशंका युक्तीयुक्त रुप से कारित हो रही हो उसके विरुद्ध निजी (Private) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने में अगर प्रतिरक्षक ऐसी स्थिती में हो की निर्दोष व्यक्ति के अपहानी के जोखिम के सिवाय वह उस अधिकार का उपयोग कार्यसाधक रुप से नहीं कर सकता हो तब उसके निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार जोखिम उठाने तक का हैं।

उदाहरण –

अ यह एक व्यक्ती हैं और उसपर भीड़ के द्वारा आक्रमण किया जाता है। वह भीड़ उस व्यक्ती की हत्या करने का प्रयास करती हैं। अ यह व्यक्ती उस भीड़ पर गोली चलाए बिना अपने निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रयोग कार्यसाधक रूप से नहीं कर सकता और उस भीड़ में सम्मिलित छोटे बच्चों की अपहानि करने की।

वह व्यक्ती जोखिम उठाएं बिना गोली नहीं चला सकता। अगर वह व्यक्ती इस प्रकार से गोली चलाने से उन बच्चों में से किसी बच्चे की अपहानि करें तो अ यह व्यक्ती कोई अपराध नहीं करता।

FAQ

भारतीय दंड संहिता की धारा 106 में किसके बारे में बताया हैं ?

भारतीय दंड संहिता की धारा 106 में घातक हमले के खिलाफ निजी रक्षा के अधिकार के बारे में बताया हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 106 क्या हैं ?

जिस मामले में मृत्यु की आशंका युक्तीयुक्त रुप से कारित हो रही हो उसके विरुद्ध निजी (Private) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने में अगर प्रतिरक्षक ऐसी स्थिती में हो की निर्दोष व्यक्ति के अपहानी के जोखिम के सिवाय वह उस अधिकार का उपयोग कार्यसाधक रुप से नहीं कर सकता हो तब उसके निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार जोखिम उठाने तक का हैं।

इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 106 क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी हैं। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !

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