IPC Section 107 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 107 क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। भारतीय दंड संहिता में अपराध और उनकी सजा के बारे में जानकारी दी गई है। भारतीय दंड संहिता को अंग्रेज शासनकाल में लागू किया गया था।
भारतीय दंड संहिता की धारा 107 क्या हैं ? IPC Section 107 In Hindi
भारतीय दंड संहिता के धारा 107 में दुष्प्रेरण करने वाले व्यक्ति के बारे में बताया गया है। अगर कोई भी व्यक्ति किसी दुसरे व्यक्ती को कोई बात या कोई कार्य करने के लिए दुष्प्रेरित करता हैं या उकसाता (Abetment) हैं तो उस व्यक्ती पर भारतीय दंड संहिता की धारा 107 लगवाई जाती है। इसके बारे में चैप्टर 5 में बताया हुआ हैं। भारतीय दंड संहिता के धारा 107 के बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।
भारतीय दंड संहिता की धारा 107 क्या हैं ?-
भारतीय दंड संहिता के धारा 107 में दुष्प्रेरण करने वाले व्यक्ति के बारे में बताया गया है। अगर कोई भी व्यक्ति किसी दुसरे व्यक्ती को कोई बात या कोई कार्य करने के लिए दुष्प्रेरित करता हैं या उकसाता (Abetment) हैं तो उस व्यक्ती पर भारतीय दंड संहिता की धारा 107 लगवाई जाती है। इसके बारे में चैप्टर 5 में बताया हुआ हैं।
भारतीय दंड संहिता की धारा 107-
वह व्यक्ती किसी बात के किए जाने का दुष्प्रेरण करता हैं, जो –
- प्रथम- उस बात को करने के लिए किसी दुसरे व्यक्ती को उकसाता हैं। या
- द्वितीय – उस बात को करने के लिए किसी षड्यंत्र या साजिश में एक या एक से ज्यादा लोगों के साथ सम्मलित होता हैं जो षड्यंत्र या साजिश अवैध या ग़लत कार्य या चुक होती हैं।
- तृतीय – उस बात या कार्य को किए जाने के लिए किसी अवैध या ग़लत कार्य द्वारा जानबूझकर सहायता करता हैं।
अब इस धारा को हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 107 में दुष्प्रेरण के बारे में बताया गया हैं। दुष्प्रेरण का आसान भाषा में अर्थ यह होगा की किसी व्यक्ती को कोई कार्य करने के लिए या अगर कोई व्यक्ती कोई कार्य कर रहा हैं तो उसे वह कार्य करने से रोकने के लिए उकसाना या प्रेरीत करना यह होता हैं।
लेकिन बहुत बार अगर कोई व्यक्ती दुसरे व्यक्ती को कार्य करने के लिए उकसाता हैं तो इसे अपराध नहीं माना जाता है। लेकिन इस उकसावे में अगर किसी ग़लत बात या गैरकानूनी बात का समावेश होगा तो इसे अपराध माना जाएगा। अगर ऐसे उकसावे में कोई आपराधिक कार्य का या बात का समावेश होगा तो उस उकसावे को अपराध माना जाएगा।
FAQ
भारतीय दंड संहिता की धारा 107 में किसके बारे में बताया गया हैं ?
भारतीय दंड संहिता के धारा 107 में दुष्प्रेरण के बारे में बताया गया है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 107 क्या हैं ?
वह व्यक्ती किसी बात के किए जाने का दुष्प्रेरण करता हैं, जो –
प्रथम- उस बात को करने के लिए किसी दुसरे व्यक्ती को उकसाता हैं। या
द्वितीय – उस बात को करने के लिए किसी षड्यंत्र या साजिश में एक या एक से ज्यादा लोगों के साथ सम्मलित होता हैं जो षड्यंत्र या साजिश अवैध या ग़लत कार्य या चुक होती हैं।
तृतीय – उस बात या कार्य को किए जाने के लिए किसी अवैध या ग़लत कार्य द्वारा जानबूझकर सहायता करता हैं।
इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 107 के बारे में जानकारी दी है। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !