भारतीय दंड संहिता की धारा 21 क्या हैं ? IPC Section 21 In Hindi

IPC Section 21 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता के धारा 21 के बारे में जानकारी देने वाले हैं । भारतीय दंड संहिता के धारा 21 मे ‘लोक सेवक’ इस शब्द का स्पष्टीकरण दिया गया हैं । इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता के धारा 21 के बारे में जानकारी देने वाले हैं ।

IPC Section 21 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 21 क्या हैं ? IPC Section 21 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 21 क्या हैं ? –

भारतीय दंड संहिता के धारा 21 में ‘ लोक सेवक ‘ इस शब्द का स्पष्टीकरण दिया गया हें । लोक सेवक इस शब्द के अंतर्गत नीचे दिये गये व्यक्ति आते हें –

1) भारत की सेना , वायु सेना या नौ सेना का हर आयुक्त अधिकारी ।

2) हर न्यायाधीश जिसके अंतर्गत ऐसा कोई भी व्यक्ति आता हैं जो किसी अधिनिर्णयिक कृत्यो का चाहे वो स्वयं के हो या व्यक्ति के किसी निकाय के सदस्य के रूप मे निर्वहन करने के लीये विधी द्वारा सशक्त किया गया हैं ।

3) न्यायालय का प्रत्येक अधिकारी जो समापक, रिसीवर , या कमीशनर के अंतर्गत आता हैं ।

4) किसी न्यायालय या फिर लोक सेवक की सहायता करने वाला हर जूरी सदस्य , पंचायत का कोई सदस्य या असेसर ।

5) प्रत्येक व्यक्ति या फिर मध्यस्थ जिसे किसी न्यायालय द्वारा या फिर किसी अन्य सक्षम लोक प्राधिकारी ने किसी मामले का या किसी विषय का संबंधित रीपोर्ट करने के कार्य के लीये निर्देशित किया हो ।

6) प्रत्येक व्यक्ति जो किसी भी इस तरह के पद को धरण करता हो जी पद के आधार से किसी भी व्यक्ति को परिरोध मे करने के लीये या फिर रखने के लीये सक्षम हो ।

7) सरकार का प्रत्येक अधिकारी जिसका यह कर्तव्य हे की वह आपराधो का निवारण करे और आपराधो की इततीला दे और आपराधीयो को न्याय मिलने के समय पर उपस्थित करे और उनके स्वास्थ्य , सुविधा और क्षेम की सुरक्षा करे ।

8) प्रत्येक इस तरह का अधिकारी जिसका यह कर्तव्य है की वह सरकार की तरफ से संपत्ति ग्रहण करे , प्राप्त करे या फिर संपत्ति का व्यय करे या फिर सरकार के तरफ से कोई भी सर्वेक्षण , निर्धारण या संविदा करे , किसी राजस्व आदेशिका का निशपादन करे या सरकार के धन के संबंधित दस्तऐवज बनाये , सरकार के किसी धन संबंधित मामले मे रीपोर्ट करे , सरकार के धन संबंधित हितो की सुरक्षा करने के लीये विधी के व्यतिक्रम को रोके ।

9) प्रत्येक व्यक्ति जो ऐसा पद धारण करता हे जो और जिसके आधार पर निर्वाचक नियमावली तैयार करे , प्रकाशित करे , बनाये रखे या निर्वाचन या निर्वाचन के किसी भी भाग को संचालित करणे के लीये सशक्त हैं।

10) प्रत्येक व्यक्ति , जो (क) सरकार की नोकरी कर रहा हे या सरकार से वेतन ले रहा हैं या फिर कोई लोक कर्तव्य का पालन करने के लीये सरकार से फी या फिर कमिशन के रूप मे परिश्रमीत लेता हो (ख) स्थानीय प्राधिकरण की या फिर किसी प्रांत , राज्य या केंद्र के अधिनियम द्वारा या किसी अधिनियम के अधीन किसी कंपनी या स्थापित निगम अधिनियम , 1956 (1956 का 1) की धारा 617 मे स्पष्ट की हुई सरकारी कंपनी के सेवा या वेतन मे हो ।

इस पोस्ट मे हमने आपको भारतीय दंड संहिता के धारा 21 के बारे मे जानकारी दी हैं । हमारी यह पोस्ट शेअर जरूर किजिये ‌। धन्यवाद !

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