IPC Section 88 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 88 के बारे में जानकारी देने वाले हैं । भारतीय दंड संहिता की धारा 88 में किसी व्यक्ती के फायदे के लिए संमती से सद्भावपूर्वक किया हुआ कार्य जिससे मृत्यु कारित करने का आशय नहीं हैं इसके बारे में जानकारी दी हैं । इस पोस्ट में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं ।
भारतीय दंड संहिता की धारा 88 क्या हैं ? IPC Section 88 In Hindi
भारतीय दंड संहिता की धारा 88 क्या हैं ? –
भारतीय दंड संहिता की धारा 88 में किसी व्यक्ती के फायदे के लिए संमती से सद्भावपूर्वक किया हुआ कार्य जिससे मृत्यु कारित करने का आशय नहीं हैं इसके बारे में जानकारी दी हैं । भारतीय दंड संहिता की धारा 88 के अनुसार , “ऐसी कोई भी बात जो मृत्यु कारित करने के आशय से नहीं की गई हो , किसी भी ऐसे अपहानी के कारण अपराध नहीं हैं जो उस बात से किसी भी ऐसे व्यक्ती को , जिसके लाभ के लिए वह कार्य या बात सद्भावपूर्वक की जाए और जिसने इस अपहानी को सहने के लिए या उस अपहानी के लिए जोखीम उठाने के लिए चाहे अभिव्यक्त , चाहे विवक्षित संमती दी गई हो , कारित हो या कारित करने का कार्य करने वाले व्यक्ती का आशय हो या कारित होने की संभावना कार्य करने वाले व्यक्ती को ज्ञात हो ।”
अब हम आपको इस धारा को आसान भाषा में समझाते हैं । क यह शल्यचिकित्सक हैं और य यह मरिज वेदना से ग्रस्त हैं । य की मृत्यु होने की संभावना हैं । क को यह पता हैं की य की मृत्यु होने की संभावना हैं । क य के संमती से य की मृत्यु कारित करने का आशय न रखते हुए सद्भावपूर्वक य के उपर शस्त्रक्रिया करता हैं । क ने कोई भी अपराध नहीं किया हैं ।
इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 88 के बारे में जानकारी दी है । हमारी यह पोस्ट शेयर जरुर किजिए । धन्यवाद !