Juvenile Justice Act Information In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (Juvenile Justice Act) 2000 क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट यह छोटे बच्चों से संबंधित कानून हैं। अगर छोटे बच्चों के द्वारा कोई समाज के विरोधी या गैर कानूनी कार्य होता हैं तब इस एक्ट का उपयोग किया जाता है।
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट पूरी जानकारी Juvenile Justice Act Information In Hindi
जब छोटे बच्चों के द्वारा कोई समाज के विरोधी या गैर कानूनी कार्य होता है तब इसे बाल अपराध इस नाम से जाना जाता है। जब कोई अपराध किसी 8 साल से लेकर ज्यादा से ज्यादा 16 साल तक के आयु के बच्चों द्वारा किया जाता है तब इसे बाल अपराध कहां जा सकता है।
बाल अपराध की आयु सीमा हर राज्य में अलग अलग हो सकती हैं। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढिए।
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (Juvenile Justice Act) 2000 क्या हैं ?-
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट यह छोटे बच्चों से संबंधित कानून हैं। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट को जेजे एक्ट इस नाम से भी जाना जाता है। अगर छोटे बच्चों के द्वारा कोई समाज के विरोधी या गैर कानूनी कार्य होता हैं तब इस एक्ट का उपयोग किया जाता है। जब छोटे बच्चों के द्वारा कोई समाज के विरोधी या गैर कानूनी कार्य होता है तब इसे बाल अपराध इस नाम से जाना जाता है।
जब कोई अपराध किसी 8 साल से लेकर ज्यादा से ज्यादा 16 साल तक के आयु के बच्चों द्वारा किया जाता है तब इसे बाल अपराध कहां जा सकता है। बाल अपराध की आयु सीमा हर राज्य में अलग अलग हो सकती हैं। जब किसी छोटे बच्चे के द्वारा अपराध होता हैं तब उस बच्चे को बाल न्यायालय के सामने पेश किया जाता है। छोटे बच्चों के मामले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने चलाए जाते हैं।
जुवेनाइल कौन है ?-
जिस बच्चों की उम्र 18 साल से कम हैं उन्हें जुवेनाइल कहां जाता है। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000 के धारा 2(k) में यह कहां गया हैं की जुवेनाइल वह व्यक्ती हैं जिसकी उम्र 18 साल से कम हो। नए संशोधन में जुवेनाइल की उम्र घटाकर 16 साल की गई है।
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट का इतिहास-
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट बहुत पुराने समय से चल रहा हैं। हमारे देश को आजादी मिलने के बाद जुवेनाइल जस्टिस से संबंधित पहली बार अधिनियम 1960 साल में बनाया गया था। इस अधिनियम को 1986 साल में संशोधित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा साल 1989 में बाल अधिकार समझौते के अंतर्गत छोटे बच्चों के अलग अलग अधिकारों को तय किया गया था।
साल 1992 में भारत ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। बाल अधिकारों को प्रभावी करने के हेतु से भारत सरकार ने साल 2000 में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000 को अधिनियमित किया।
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की सजा –
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में छोटे बच्चों ने या नाबालिग के द्वारा किए हुए अपराधों की सजा तय की गई है। इस एक्ट के अंतर्गत अगर किसी नाबालिग के द्वारा या छोटे बच्चों के द्वारा अपराध किया जाता है तो उसे ज्यादा से ज्यादा तीन साल की सजा दी जाती है। इस समय में नाबालिग या छोटे बच्चों को सुधार के लिए संप्रेक्षण गृह में रखा जाता हैं।
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में संशोधन –
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में नया संशोधन यह किया गया हैं की अगर किसी नाबालिग के द्वारा कोई अपराध किया जाता हैं और वह मामला ज्यादा समय के लिए चल रहा हैं और उस मामले का निस्तारण 6 माह के अंदर नहीं हो रहा है तो इस परिस्थिति में उस मामले को हमेशा के लिए खत्म करना चाहिए।
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में यह नियम हैं की इसके बाद नाबालिग का कोई भी आपराधिक सबुत नहीं रखना चाहिए। कोई सबुत हैं तो उसे मिटा देना चाहिए। ऐसा करने के पिछे एक ही उद्देश्य हैं की नाबालिग के नए जिंदगी में पिछला आपराधिक इतिहास नहीं रहना चाहिए। उसके पुरानी गलतियों का उसके नए जीवन पर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
काॅर्पोरल पनिशमेंट क्या हैं ?-
स्कुल में अगर किसी बच्चे के साथ कोई प्रताड़ना की जाती हैं तो उसे काॅर्पोरल पनिशमेंट इस नाम से जाना जाता है। अगर किसी बच्चे को चाटा मारा जाता हैं, कान खींचा जाता हैं, गलत पोजिशन में खड़ा किया जाता हैं, बेंच पर खडा़ किया जाता हैं या उसे मानसिक या शारीरिक ठेंस पहुंचे ऐसा कोई बर्ताव या बात की जाती है तो इसे काॅर्पोरल पनिशमेंट माना जाता है। अगर ऐसा किसी बच्चे के साथ किया जाता है तो दोषी के खिलाफ सख्त एक्शन का प्रावधान किया हुआ हैं।
FAQ
1)
Ans – जुवेनाइल जस्टिस एक्ट यह छोटे बच्चों से संबंधित कानून हैं।
2) जुवेनाइल जस्टिस एक्ट क्या हैं ?
Ans – जुवेनाइल जस्टिस एक्ट यह छोटे बच्चों से संबंधित कानून हैं। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट को जेजे एक्ट इस नाम से भी जाना जाता है। अगर छोटे बच्चों के द्वारा कोई समाज के विरोधी या गैर कानूनी कार्य होता हैं तब इस एक्ट का उपयोग किया जाता है।
3) जुवेनाइल कौन है ?
Ans – जिस बच्चों की उम्र 18 साल से कम हैं उन्हें जुवेनाइल कहां जाता है। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000 के धारा 2(k) में यह कहां गया हैं की जुवेनाइल वह व्यक्ती हैं जिसकी उम्र 18 साल से कम हो। नए संशोधन में जुवेनाइल की उम्र घटाकर 16 साल की गई है।
4) जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अंतर्गत कितने साल के बच्चे आते हैं ?
Ans – जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000 के धारा 2(k) में यह कहां गया हैं की जुवेनाइल वह व्यक्ती हैं जिसकी उम्र 18 साल से कम हो। नए संशोधन में जुवेनाइल की उम्र घटाकर 16 साल की गई है।
5) जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अंतर्गत बच्चों को कितने साल की सजा दी जाती है ?
Ans – जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अंतर्गत अगर किसी नाबालिग के द्वारा या छोटे बच्चों के द्वारा अपराध किया जाता है तो उसे ज्यादा से ज्यादा तीन साल की सजा दी जाती है। इस समय में नाबालिग या छोटे बच्चों को सुधार के लिए संप्रेक्षण गृह में रखा जाता हैं।
इस पोस्ट में हमने आपको जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के बारे में जानकारी दी है। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !