प्राॅपर्टी लाॅयर पूरी जानकारी Property Lawyer Information In Hindi

हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको प्राॅपर्टी लाॅयर या प्राॅपर्टी एडवोकेट कैसे बनें इसके बारे में जानकारी देने वाले है।‌ प्राॅपर्टी लाॅयर प्राॅपर्टी के मामलों से संबंधित हैं। अभी प्राॅपर्टी के मामले बहुत बढ़ रहे हैं। इसलिए अब प्राॅपर्टी लाॅयर की भी बहुत मांग हैं। जो वकील प्राॅपर्टी के संबंधित मामलों में सलाह देते हैं और प्राॅपर्टी के केस लड़ते हैं उन्हें प्राॅपर्टी एडवोकेट कहा जाता हैं।

Property Lawyer Information In Hindi

प्राॅपर्टी लाॅयर पूरी जानकारी Property Lawyer Information In Hindi

संपत्ती खरीदते समय और बेचते समय प्राॅपर्टी एडवोकेट की जरूरत होती हैं। प्राॅपर्टी एडवोकेट हर चीज प्राॅपर्टी खरीदते समय और बेचते समय ठीक हैं की नहीं इसकी जांच पड़ताल करता हैं और प्राॅपर्टी के संबंधित दस्तावेज भी बनाता हैं। प्राॅपर्टी लाॅयर या प्राॅपर्टी एडवोकेट कैसे बनें इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढिए।

प्राॅपर्टी लाॅ (संपत्ति कानून) क्या हैं ?

प्राॅपर्टी लाॅ को हिंदी में संपत्ति कानून इस नाम से जाना जाता है। संपत्ति कानून यह संपत्ति से संबंधित कानून हैं। संपत्ति कानून के अंतर्गत बहुत कानून आते हैं जैसे की संपत्ति अधिनियम 1870, संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005, विवाहित महिला संपत्ति अधिनियम 1870 आदी। संपत्ति हस्तांतरण (अंतरण) अधिनियम 1882 में संपत्ति इस शब्द का स्पष्टीकरण किया गया है। संपत्ति हस्तांतरण (अंतरण) अधिनियम 1882 के अनुसार संपत्ति इस शब्द के अंतर्गत सिर्फ मकान, भूमि यहीं शब्द नहीं आते बल्की कुछ अधिकार भी आते हैं। जैसे की ऋण वापस करने का अधिकार भी आता हैं।‌

प्राॅपर्टी लाॅयर या प्राॅपर्टी एडवोकेट कौन है ?

प्राॅपर्टी लाॅयर या प्राॅपर्टी एडवोकेट संपत्ति के संबंधित मामलों में सलाह देने का और केस लड़ने का कार्य करते हैं। प्राॅपर्टी लाॅयर प्राॅपर्टी के मामलों से संबंधित हैं। अभी प्राॅपर्टी के मामले बहुत बढ़ रहे हैं। इसलिए अब प्राॅपर्टी लाॅयर की भी बहुत मांग हैं। संपत्ती खरीदते समय और बेचते समय प्राॅपर्टी एडवोकेट की जरूरत होती हैं। प्राॅपर्टी एडवोकेट हर चीज प्राॅपर्टी खरीदते समय और बेचते समय ठीक हैं की नहीं इसकी जांच पड़ताल करता हैं और प्राॅपर्टी के संबंधित दस्तावेज भी बनाता हैं।

प्राॅपर्टी लाॅयर और प्राॅपर्टी एडवोकेट में क्या फर्क हैं ?

बहुत लोगों को ऐसा लगता हैं की लाॅयर और एडवोकेट एक ही हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं लाॅयर और एडवोकेट में बहुत फर्क होता हैं। प्राॅपर्टी लाॅयर और प्राॅपर्टी एडवोकेट में बहुत फर्क है। प्राॅपर्टी लाॅयर वह होता हैं जो सिर्फ एलएलबी की डिग्री प्राप्त करता हैं और प्राॅपर्टी लाॅ में प्रेक्टिस करता हैं। प्राॅपर्टी लाॅयर सिर्फ लोगों को सलाह दे सकता हैं। प्राॅपर्टी लाॅयर कोर्ट में केस नहीं लढ़ सकता। प्राॅपर्टी एडवोकेट वह होते हैं जो एलएलबी की डिग्री लेने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया की एग्जाम पास करके लाइसेंस प्राप्त करते हैं। प्राॅपर्टी एडवोकेट लोगों को सलाह देने के साथ साथ लोगों की केस कोर्ट में लढ़ भी सकते हैं।

प्राॅपर्टी लाॅयर या प्राॅपर्टी एडवोकेट कैसे बनें ?

  • अगर आप प्राॅपर्टी एडवोकेट बनना चाहते हैं तो‌ आपको सबसे पहले 12th या ग्रेजुएशन में पास होना होगा। 12th या ग्रेजुएशन में 45% मार्क से पास होना एलएलबी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए जरूरी है।
  • 12th या ग्रेजुएशन में पास होने के बाद एलएलबी डिग्री लेने के लिए आपको सबसे पहले किसी लाॅ काॅलेज में एडमिशन लेना पड़ता हैं।
  • अगर आप 12th के बाद एलएलबी के कोर्स के लिए एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको पांच साल का एलएलबी का कोर्स करना पड़ेगा और अगर आप ग्रेजुएशन के बाद एलएलबी के कोर्स के लिए एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको तीन साल का एलएलबी का कोर्स करना पड़ेगा।
  • अब लाॅ काॅलेज में एडमिशन लेने के लिए कुछ युनिवर्सिटी में एंट्रेंस एग्जाम देनी पड़ती हैं। आपको सबसे पहले यह देखना पड़ेगा की आप जिस लाॅ काॅलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं उस काॅलेज में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देनी पड़ती हैं की नहीं। यह आपको आपके बोर्ड एग्जाम के एक साल पहले ही देखना पड़ेगा। क्योंकी एंट्रेंस एग्जाम के फाॅर्म आपकी बोर्ड एग्जाम होते ही जल्दी भी निकल जाते हैं।
  • अगर आप जिस लाॅ काॅलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं उधर एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम कंपल्सरी हैं तो आपको एंट्रेंस एग्जाम का फाॅर्म भरकर अच्छे मार्क से एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करनी हैं।
  • एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करने के बाद आप जिस लाॅ काॅलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं उस लाॅ काॅलेज में एडमिशन लेना हैं। एडमिशन लेते समय आपको लाॅ काॅलेज की फी‌ और दस्तावेज जमा करने होंगे।
  • नोटरी पूरी जानकारी
  • लाॅ काॅलेज में एडमिशन होने के बाद आपको अच्छी तरह से सभी लाॅ के विषयों की पढ़ाई करनी हैं। आप प्राॅपर्टी लाॅयर बनना चाहते हैं इसलिए आपको प्राॅपर्टी लाॅ इस विषय पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना हैं। आपको प्राॅपर्टी लाॅ की अच्छी पढ़ाई करनी हैं और एलएलबी की डिग्री प्राप्त करनी हैं।
  • अगर आप एक अच्छे प्राॅपर्टी एडवोकेट बनना चाहते हैं तो एलएलबी कोर्स के दुसरे या तिसरे साल से ही किसी अच्छे प्राॅपर्टी एडवोकेट के पास प्रॅक्टीस शुरू करें। इससे आपको बहुत अनुभव मिलेगा और आप सभी काम बहुत ही जल्दी सिख जाएंगे।
  • एलएलबी की डिग्री के बाद आपको बार काउंसिल ऑफ इंडिया की एग्जाम देनी पड़ती हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के एग्जाम में क्लियर होने के बाद आपको लाइसेंस मिल जाता हैं। लाइसेंस मिलने के बाद आप कोर्ट में केस लड़ सकते हैं। एलएलबी डिग्री लेने के बाद भी एक दो साल किसी अच्छे प्राॅपर्टी एडवोकेट के पास प्रॅक्टीस करना जरूरी हैं। इस तरह से आप प्राॅपर्टी एडवोकेट बन सकते हैं।

FAQ

प्राॅपर्टी लाॅ क्या हैं ?

प्राॅपर्टी लाॅ को हिंदी में संपत्ति कानून इस नाम से जाना जाता है। संपत्ति कानून यह संपत्ति से संबंधित कानून हैं।

प्राॅपर्टी लाॅयर कौन है ?

प्राॅपर्टी लाॅयर या प्राॅपर्टी एडवोकेट संपत्ति के संबंधित मामलों में सलाह देने का और केस लड़ने का कार्य करते हैं।

क्या लाॅ काॅलेज में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना जरूरी है ?

हां। कुछ लाॅ काॅलेज में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना जरूरी है।

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