स्टे ऑर्डर की पूरी जानकारी Stay Order Information In Hindi

हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको स्टे ऑर्डर क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। स्टे ऑर्डर यह शब्द सभी लोगों ने कभी ना कभी सुना होगा। लेकिन बहुत लोगों को स्टे ऑर्डर क्या हैं यह पता नहीं होता। इसलिए हम आपको इस पोस्ट में स्टे ऑर्डर क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। स्टे ऑर्डर यह एक न्यायालय ने दिया हुआ आदेश होता हैं।

Stay Order Information In Hindi

स्टे ऑर्डर की पूरी जानकारी Stay Order Information In Hindi

जो न्यायालय ने पहले जारी किया हुआ आदेश होता हैं या कोई भी विवादित मामला या कोई भी कानूनी कार्रवाई को रोकने के लिए स्टे ऑर्डर का उपयोग किया जाता है। अगर किसी मामले में स्टे लग जाता हैं तो उस मामले से संबंधित कार्यवाही बंद की जाती हैं‌। जब तक उस मामले की जांच पड़ताल पुरी नहीं हो जाती तब तक स्टे ऑर्डर को लागू रखा जाता हैं। स्टे ऑर्डर के बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।

स्टे ऑर्डर क्या हैं ?

स्टे का अर्थ होता हैं रोकना और ऑर्डर का अर्थ होता हैं आदेश। स्टे ऑर्डर यह एक न्यायालय ने दिया हुआ आदेश होता हैं। जो न्यायालय ने पहले जारी किया हुआ आदेश होता हैं या कोई भी विवादित मामला या कोई भी कानूनी कार्रवाई को रोकने के लिए स्टे ऑर्डर का उपयोग किया जाता है। अगर किसी मामले में स्टे लग जाता हैं तो उस मामले से संबंधित कार्यवाही बंद की जाती हैं‌। जब तक उस मामले की जांच पड़ताल पुरी नहीं हो जाती तब तक स्टे ऑर्डर को लागू रखा जाता हैं।

स्टे ऑर्डर को हिंदी में स्थगन आदेश कहा जाता हैं। अब हम आपको किसी मामले में स्टे ऑर्डर का किस तरह से उपयोग किया जाता हैं यह उदाहरण देकर समझाते हैं। मान लीजिए की एक गांव में दो पक्ष हैं और उनका जमीन को लेकर विवाद चल रहा हैं। एक पक्ष को डर हैं की दुसरा पक्ष वह जमीन बीक ना दें या फिर उस पर बिल्डींग ना बनवा दे। इसलिए उस जमीन पर इस तरह का कोई भी कार्य नहीं हो इसलिए उस पक्ष से कोर्ट से स्टे ऑर्डर लिया जाता हैं। अब उस जमीन पर दुसरे पक्ष का व्यक्ती ना कोई कामकाज कर पाएगा और नहीं वह जमीन बेच पाएगा। और यह उस समय तक ऐसा ही रहेगा जब तक कोर्ट उस मामलें में जांच पडताल करके सहीं निर्णय ले।

स्टे ऑर्डर से संबंधित कानून

मुख्य रूप से भारत देश में स्टे ऑर्डर का कानून सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 द्वारा शासित किया जाता हैं। स्टे ऑर्डर द्वारा किसी भी मामले में न्यायालय द्वारा जारी किए हुए आदेश पर रोक लगाई जा सकती है। अगर किसी भी व्यक्ती के साथ कोई भी गैरकानूनी कृत्य या कानूनी कृत्य या निर्णय से अन्याय हो रहा हैं तो वह व्यक्ती न्यायालय से स्टे ऑर्डर ले सकता हैं।

स्टे ऑर्डर के कौन कौन से प्रकार हैं और स्टे ऑर्डर कब लिया जाता हैं ? –

स्टे ऑर्डर के बहुत प्रकार होते हैं। स्टे ऑर्डर के प्रकार कौन कौनसे होते हैं और स्टे ऑर्डर किस कार्य के लिए और किस विवाद पर लिया जाता हैं इसके बारे में हम आपको अब जानकारी देने वाले हैं।

  • अंतरिम रोक

अंतरिम रोक को अंग्रेजी में इंटेरियम स्टे कहा जाता हैं। जब तक किसी मामले में न्यायालय अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंच जाता तब तक के लिए अस्थाई रुप से जो रोक लगाई जाती हैं उसे अंतरिम रोक कहां जाता हैं। अगर कोई व्यक्ती दुसरे व्यक्ती के संपत्ती में बेदखली कर रहा हैं तो दुसरा व्यक्ती कोर्ट से इंटेरियम स्टे ले सकता है। जब तक न्यायालय इस मामले की पुरी तरह से जांच नहीं करवाती और किसी अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंच जाती तब तक के लिए यह स्टे लगाया जाएगा।

  • निष्पादन पर रोक

जिस मामले में किसी व्यक्ती को दोषी ठहराया गया हो या जो मामला अपराधिक हो उस मामले से संबंधित यह रोक होता हैं। जब किसी अपराधी को मृत्युदंड और कारावास की सजा होती हैं तब उस व्यक्ती के मदद के लिए मतलब उस निर्णय पर रोक लगाने के लिए इसका उपयोग किया जाता हैं। कभी कभी ऐसे मामले में कोई कानूनी मुद्दा या सबूत सामने आता हैं या उस मामले की दोबारा जांच करने की मांग की जाती हैं।

  • कार्यवाही पर रोक

इसके द्वारा किसी भी मामले में अस्थायी रुप से कानूनी कार्यवाही पर रोक लगाई जाती हैं। इसको अब हम आपको उदाहरण देकर समझाते हैं। मान लीजिए न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को लेकर किसी दो पक्षों के बीच में असहमती हैं या फिर किसी मामले के महत्त्वपूर्ण पहलू का अपील लंबीत हैं तो ऐसे में कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया जा सकता हैं।

  • नीलामी पर रोक

अगर किसी मामले में ऋण की वसूली करने के लिए या अन्य कोई भी वजह से संपत्ती की निलामी हो रही है तो उस नीलामी पर रोक की मांग कर सकते हैं। जब तक न्यायालय इस मामले में पुरी जांच पडताल नहीं करता तब तक के लिए इस नीलामी पर रोक लगाई जा सकती हैं।

  • विध्वंस पर रोक

अगर किसी संपत्ति को तोड़ने की या गिराने की योजना हो रही हैं तो उसे रोकने के लिए इस तरह की रोक लगाई जा सकती हैं। यह रोक तब तक रहेगी जब तक न्यायालय को उस संपत्ति को गिराना या तोड़ना ठीक नहीं लगता।

  • गिरफ्तारी से बचने के लिए रोक

अगर पुलिस किसी वजह से आपके यहां आपके गिरफ्तारी का वारंट लेकर आती हैं और आप उस गिरफ्तारी को रोकना चाहते हैं तो आप किसी वकील के मदद से कुछ समय के लिए गिरफ्तारी से बचने के लिए इस गिरफ्तारी पर रोक लगा सकते हैं।

FAQ

स्टे ऑर्डर क्या हैं ?

स्टे ऑर्डर यह एक न्यायालय ने दिया हुआ आदेश होता हैं। जो न्यायालय ने पहले जारी किया हुआ आदेश होता हैं या कोई भी विवादित मामला या कोई भी कानूनी कार्रवाई को रोकने के लिए स्टे ऑर्डर का उपयोग किया जाता है। अगर किसी मामले में स्टे लग जाता हैं तो उस मामले से संबंधित कार्यवाही बंद की जाती हैं‌। जब तक उस मामले की जांच पड़ताल पुरी नहीं हो जाती तब तक स्टे ऑर्डर को लागू रखा जाता हैं।

स्टे ऑर्डर के कौन कौनसे प्रकार हैं ?

विध्वंस पर रोक, नीलामी पर रोक, निष्पादन पर रोक, कार्यवाही पर रोक, अंतरिम रोक, गिरफ्तारी से बचने के लिए रोक यह रोक के प्रकार हैं।

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