किराए पर संपत्ति देते समय यह सावधानियां रखें Take These Precautions While Renting Property

Take These Precautions While Renting Property हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको संपत्ति किराए पर देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। आज बहुत लोग किराए पर दुकान या मकान लेकर रह रहे हैं। आज बहुत लोग किराए पर दुकान या मकान लेकर रहते हैं और बाद में उसपर कब्जा करते हैं।

Take These Precautions While Renting Property

किराए पर संपत्ति देते समय यह सावधानियां रखें Take These Precautions While Renting Property

कुछ लोग कुछ समय बाद वह संपत्ति सस्ते दाम में खरीदते हैं या कुछ पैसे लेते हैं और इसके बाद ही निकलते हैं। ऐसी परिस्थिति में मकान मालिक ने समझदारी से काम करना बहुत जरूरी हैं। ऐसे लोगों से आपको बचकर रहना चाहिए। अगर आपके संपत्ति में पहले से ऐसे लोग रहे हैं तो आपको समझदारी से अपनी संपत्ति खाली करवानी हैं। किराए पर संपत्ति देते समय कौन कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढिए।

किराए पर संपत्ति देते समय यह सावधानियां रखें –

कंपनी को प्राथमिकता दे –

अगर कोई संपत्ति किराए पर देनी हैं तो वह किसी व्यक्ती को दी जाती है या किसी कंपनी को। कंपनी को संपत्ति किराए पर देना ही हमेशा अच्छा विकल्प साबित होता हैं क्योंकी व्यक्ती संपत्ति पर कब्जा कर सकते हैं कंपनी नहीं। इसलिए अगर आपके पास संपत्ति किराए पर देने के लिए कंपनी और व्यक्ती यह दो विकल्प हैं तो आपको कंपनी यह विकल्प चुनना चाहिए।

कंपनी लाॅ के अनुसार कंपनी बोर्ड के कुछ नियम होते हैं और कंपनी को उन नियमों का पालन करना जरूरी होता हैं। नियम का पालन न करने से कंपनी को बड़ा जुर्माना देना पड़ सकता है। इसलिए कंपनी को मकान या दुकान किराए पर देने से आपका नुकसान नहीं हो सकता। इसलिए हमेशा कंपनी को ही प्राथमिकता देना अच्छा माना जाता है।

किराए के मकान या दुकान की फोटो निकालकर रखें –

अगर आप आपका मकान या दुकान किराए पर देना चाहते हैं तो मकान या दुकान किराएदार को किराए पर देने से पहले उसकी फोटो जरुर निकालकर रखिए। उसके उपर किराएदार के हस्ताक्षर जरूर लेकर रखिए। क्योंकी आगे चलकर मकान की तुट फुट हो जाए या कोई विवाद हो जाए तो आप वह फोटो कोर्ट को दिखाकर आपके नुकसान के पैसे किराएदार से ले सकते हैं। अगर आप चाहते हैं तो नुकसान के फोटो कोर्ट को दिखाकर मकान खाली करवाने के लिए भी कह सकते हैं।

11 महिने का एग्रीमेंट बनाएं –

जब आप किसी व्यक्ती को आपका मकान या दुकान किराए पर देना चाहते हैं तब सिर्फ 11 महिने का ही एग्रीमेंट बनाएं। यह आप अगर किसी व्यक्ती को किराए पर मकान या दुकान दे रहे हैं तब ही किजिए। कंपनी को किराए पर संपत्ति देते समय आप कितना भी लंबा एग्रीमेंट कर सकते हैं।

सिर्फ 11 महिनों का ही एग्रीमेंट इसलिए करना चाहिए क्योंकी रेंट एग्रीमेंट एक्ट के अनुसार कोई भी पक्का एग्रीमेंट कम से कम 12 महिनों का होना जरूरी है और वह लोकल रजिस्ट्रार से रजिस्ट्रर्ड होना भी जरूरी हैं। लोग टैक्स के पैसे बचाने के लिए भी 11 महिनों का एग्रीमेंट करते हैं और 11 महिनों का एग्रीमेंट करने से मकान मालिक के लिए केस मजबूत रहती हैं।

जब किरायादार कोर्ट में स्टे के लिए जाता हैं तब सबसे पहले यही बहाना देता हैं की उस संपत्ति से उसकी यादें जुड़ी हुई है या वह संपत्ति उसका आर्थिक आधार हैं। 11 महिनों का एग्रीमेंट बनाने से मकान मालिक यह कह सकता हैं की एग्रीमेंट सिर्फ 11 महिनों के लिए ही बनाया गया हैं इसलिए किराएदार का उस संपत्ति के साथ ज्यादा लगाव और आर्थिक नुकसान नहीं हो सकता। सरकार को इससे कोई टैक्स नहीं मिलता इसलिए स्टे भी नहीं मिलता और मकान मालिक को केस जितने में आसानी हो जाती हैं।

महिलाओं के साथ एग्रीमेंट करने से बचना चाहिए –

आज बहुत महिलाएं मकान मालिक पर आईपीसी 354 का केस करके मकान हड़प रही हैं। कुछ महिलाएं झुठी केस करने का डर दिखाकर पैसे ले रही हैं। सुप्रिम कोर्ट ने यह फैसला दिया हैं की सबसे पहले महिलाओं की एफआईआर रजिस्टर्ड होगी और इसके बाद सही गलत का फैसला लिया जाएगा तब से गलत महिलाओं ने इसका बहुत दुरुपयोग किया हैं।

इसलिए महिलाओं को मकान किराए पर देने से पहले बहुत बार सोचना चाहिए। यह बात सभी महिलाओं को लागू नहीं हैं। कुछ ग़लत महिलाएं हैं वहीं ऐसा कर रही हैं।

किराएदार का पुलिस सत्यापन –

किराएदार का पुलिस सत्यापन करना बहुत जरूरी होता हैं। अगर पुलिस सत्यापन नहीं किया तो इसका जुर्माना और सजा दोनों के बारे में सीआरपीसी में जानकारी दी हुई हैं। आप जिसे भी अपने मकान में किराए पर रखना चाहते हैं उसका पुलिस सत्यापन जरूर करवा लें।

यह पुलिस निशुल्क करके देते हैं। पुलिस सत्यापन करने के लिए किराएदार का फोटो, सभी सदस्यों के बारे में जानकारी और किराएदार का पहचान पत्र होना जरूरी होता हैं। किराएदार को अपने पिछले किराए के मकान का पता और स्थायी पता देना भी जरूरी होता हैं।

रेंट एग्रीमेंट रिन्यू करते रहें –

अगर आप आपका मकान किराए पर देना चाहते हैं तो रेंट एग्रीमेंट बनवाना बहुत जरूरी होता हैं। अगर आप रेंट एग्रीमेंट बनवाते हैं तो इसे बार बार रिन्यू करते रहना जरूरी है। ऐसे में अगर आगे चलकर कोई समस्या आती हैं तो आप यह कह सकते हैं की अपने संपत्ती किसी और को किराए पर दी थी और वह व्यक्ती उस संपत्ति पर अपने मालिकाना हक़ का दावा नहीं कर सकता। अगर किराएदार 12 साल से ज्यादा समय के लिए उसी संपत्ति पर हैं तो कानून भी उसीके ही साथ रहेगा।

FAQ

कंपनी और व्यक्ती में किसे मकान किराए पर देने के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए ?

कंपनी को संपत्ति किराए पर देना ही हमेशा अच्छा विकल्प साबित होता हैं क्योंकी व्यक्ती संपत्ति पर कब्जा कर सकते हैं कंपनी नहीं।

क्या मकान मालिक के लिए 11 महिनों का रेंट एग्रीमेंट बनवाना फायदेमंद है ?

हां। मकान मालिक के लिए 11 महिनों का रेंट एग्रीमेंट बनवाना फायदेमंद है।

हां। मकान मालिक के लिए 11 महिनों का रेंट एग्रीमेंट बनवाना फायदेमंद है।

इस पोस्ट में हमने आपको संपत्ति किराए पर देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में जानकारी दी हैं। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !

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