भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 क्या है ? What Is Article 14 Of Indian Constitution?

What Is Article 14 Of Indian Constitution? हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। हर देश को सुचारू रुप से चलवाने के लिए संविधान की आवश्यकता होती हैं। संविधान को देश का सर्वोच्च कानून माना जाता हैं। देश के संचालन और विकास में संविधान के द्वारा महत्त्वपूर्ण भुमिका निभाई जाती हैं। हर देश में संविधान की बहुत जरूरत होती हैं। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान हैं।

What Is Article 14 Of Indian Constitution?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 क्या है ? What Is Article 14 Of Indian Constitution?

जब भारतीय संविधान को बनवाया गया था तब भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी। अब भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद हैं और 12 अनुसूचियां हैं। भारतीय संविधान के भाग 3 में जो अनुच्छेद 14 से लेकर अनुच्छेद 21 दिए गए हैं वह समता के अधिकार से संबंधित हैं।

मतलब इन अनुच्छेदों से लोगों को समानता मिलेगी। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में समानता के बारे में जानकारी दी है। इसी के बारे में हम आपको इस पोस्ट में बताने वाले हैं। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 क्या हैं इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढिए।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 क्या है ?-

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में समानता के बारे में जानकारी दी है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार राज्य में किसी भी व्यक्ती को कानून के सामने समानता से या कानून के समान संरक्षण से वंचित नहीं किया जाएगा।

कानून के सामने समानता (Equality Before Law)-

कानून के सामने समानता यह संज्ञा विदेशी संविधान से आई हुई हैं। कानून के सामने सभी लोग समान होंगे। कानून के सामने कोई भी व्यक्ति उच्च नीच और अधिकारी, गैर- अधिकारी नहीं होगा। कोई भी व्यक्ती कानून से उपर नहीं होगा। उदाहरण- A यह एक सामान्य व्यक्ति है और यह खून करता हैं और इसके साथ साथ B यह व्यक्ती यह सरकारी अधिकारी हैं और यह भी खून करता हैं तो दोनों के उपर समान मुकदमा चलवाया जाएगा और दोनों को समान सजा मिलेगी।

अनुच्छेद 14 के अपवाद –

भारत में कानून के सामने समता के कुछ अपवाद भी हैं। वह अपराध कौन कौनसे हैं यह हम आपको अब बताने वाले हैं।

  • राष्ट्रपती और राज्य के राज्यपाल अगर अपने पद के शक्तीयों का उपयोग करते हैं तो उन्हें इसके लिए किसी भी न्यायालय के सामने पेश नहीं होना पडेगा।
  • राज्य के राज्यपाल और राष्ट्रपती के खिलाफ उनके कार्यकाल के समय में किसी भी न्यायालय में कोई भी दण्डिक कार्यवाही नहीं की जाएगी।
  • किसी भी राज्य के राज्यपाल या राष्ट्रपति पर अपने पद को ग्रहण करने से पहले या पद ग्रहण करने के बाद कार्यवाही हो सकती है। लेकिन इसके लिए दो माह पहले विरोधी पक्ष को एक नोटीस देनी जरूरी हैं और उसमें अपना नाम, पता और विवाद का मुद्दा डालना भी जरूरी हैं।
  • राज्य विधानमंडल या संसद का कोई भी सदस्य सत्र शुरू होने के वक्त पर दिवानी और फौजदारी किसी भी प्रकार के केस में न्यायालय में उपस्थित रहने के लिए बाध्य नहीं होगा।
  • राज्य विधानमंडल या संसद का कोई भी सदस्य उनके द्वारा सदन में बोले गए भाषण, शब्द या मत के लिए न्यायालय में जवाबदेह नहीं होगा।
  • अगर राज्य निती निर्देश सिद्धांतों का पालन करते हुए अनुच्छेद 39 के अंतर्गत कोई कानून बनवाता हैं जिसके द्वारा अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होता हैं तो वह मान्य होगा।
  • विदेशी शासक, राजनायक, राजदूत द्वारा किए हुए दिवानी या फौजदारी गुनाहों के लिए अलग वैश्विक नियम होते हैं। राज्य उनपर समानता के आधार पर कार्यवाही नहीं कर सकता।
  • संयुक्त राज्य संस्था और उनके एजंसियों के द्वारा किए गए गुनाहों पर UN के कानून से कार्यवाही होगी।

अनुच्छेद 14 के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी –

  • अनुच्छेद 14 नागरिक और अनागरिक दोनों के लिए भी हैं। जो व्यक्ती भारत में हैं फिर वह भारत का नागरिक हो या कोई विदेशी हो दोनों को भी यह अनुच्छेद लागू हैं।
  • विधिक व्यक्ती – कोई भी संस्था, निगम, कंपनी जिसका सरकार के कानून के अंतर्गत गठन हुआ हैं उसको विधिक व्यक्ती इस नाम से जाना जाता है। इन सभीं को विधि के सामने समानता का अधिकार हैं। मतलब अगर दो कंपनियों के बीच में कोर्ट में केस चल रहा हैं तो कोर्ट या सरकार उनमें कोई भी भेदभाव नहीं करेगा।

अनुच्छेद 14 के तहत किस किसको समता प्रदान की गई है ?-

अनुच्छेद 14 के तहत भारत के नागरीक, अनागरीक, विधि द्वारा बनाई हुई संस्था, तीसरे लिंग के लोगों को समता प्रदान की गई है।

FAQ

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 क्या हैं ?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में समानता के बारे में जानकारी दी है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार राज्य में किसी भी व्यक्ती को कानून के सामने समानता से या कानून के समान संरक्षण से वंचित नहीं किया जाएगा।

भारतीय संविधान में अब कितने अनुच्छेद और अनुसुचियां हैं ?

अब भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद हैं और 12 अनुसूचियां हैं।

अनुच्छेद 14 के तहत किस किसको समता प्रदान की गई है ?

अनुच्छेद 14 के तहत भारत के नागरीक, अनागरीक, विधि द्वारा बनाई हुई संस्था, तीसरे लिंग के लोगों को समता प्रदान की गई है।

कानून के सामने समानता (Equality Before Law) क्या हैं ?

कानून के सामने समानता यह संज्ञा विदेशी संविधान से आई हुई हैं। कानून के सामने सभी लोग समान होंगे। कानून के सामने कोई भी व्यक्ति उच्च नीच और अधिकारी, गैर- अधिकारी नहीं होगा। कोई भी व्यक्ती कानून से उपर नहीं होगा। उदाहरण- A यह एक सामान्य व्यक्ति है और यह खून करता हैं और इसके साथ साथ B यह व्यक्ती यह सरकारी अधिकारी हैं और यह भी खून करता हैं तो दोनों के उपर समान मुकदमा चलवाया जाएगा और दोनों को समान सजा मिलेगी।

इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !

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