क्रिमिनल लाॅ क्या हैं? क्रिमिनल Lawyer कैसे बने? What Is Criminal law In Hindi

What Is Criminal law In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको क्रिमिनल लाॅ क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। क्रिमिनल लाॅ को हिंदी में फौजदारी कानून और अपराधिक कानून कहा जाता हैं। हर देश में अलग अलग कानून होते हैं। हमारे देश में फौजदारी कानून और दिवानी कानून यह कानून की दो मुख्य शाखाएं हैं।

What Is Criminal law In Hindi

क्रिमिनल लाॅ क्या हैं? क्रिमिनल Lawyer कैसे बने? What Is Criminal law In Hindi

फौजदारी कानून उन अपराधों से संबंधित हैं जो समाज के विरुद्ध किए जाते हैं। क्रिमिनल लाॅ का उद्देश्य अपराधियों को दंडित करना, कानून व्यवस्था बनाए रखना और समाज की रक्षा करना यह होता हैं। क्रिमिनल लाॅ की पुरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।

फौजदारी कानून ( Criminal Law ) क्या हैं ?

फौजदारी कानून उन अपराधों से संबंधित हैं जो समाज के विरुद्ध किए जाते हैं। फौजदारी कानून ऐसे अपराधों से संबंधित हैं जिन अपराधों के वजह से समाज ,भुमी , राज्य के लिए खतरा हैं। जैसे की, हत्या, हत्या का प्रयास ,चोरी, बलात्कार सबुत मिटाना आदी। फौजदारी कानून में वह सभी नियम हैं जिससे समाज में कानून व्यवस्था और नियंत्रण बनाए रखने में मदद होती हैं। सार्वजनिक हितों का संरक्षण करने के लिए इस कानून की बहुत मदद होती हैं। फौजदारी कानून में अपराधों को परिभाषित किया गया हैं और अगर कोई व्यक्ती इसमें से कोई अपराध करता हैं तो उसे जेल की सजा, जुर्माना या दोनों की सजा दी जाती हैं।

फौजदारी कानून के अंतर्गत कोर्ट में केस कैसे फ़ाइल की जाती हैं ?

अगर आपके साथ कोई अपराध हुआ हैं जो फौजदारी कानून के अंतर्गत आता हैं तो आप सिधे जाकर कोर्ट में केस फाइल नहीं कर सकते। सबसे पहले आपको पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत होती हैं। पुलिस स्टेशन में आपके साथ जो अपराध हुआ हैं उसकी जानकारी आपको पुलिस अफसर को देनी हैं। इसके बाद पुलिस अफसर आपकी केस दर्ज करेगी और उसकी जांच पड़ताल करेगी। इसके बाद ही आप कोर्ट में जाकर केस दर्ज कर सकते हैं।

फौजदारी कानून के अंतर्गत केस दर्ज करने की प्रक्रिया –

  • अगर आपको कोई फौजदारी केस दर्ज करनी हैं तो आपको सबसे पहले आपके इलाके के पुलिस स्टेशन में जाना होगा। उधर जाकर आपको FIR दर्ज करवानी हैं।
  • बहुत बार ऐसा होता हैं की पुलिस हमारी FIR दर्ज नहीं करते। इसकी बहुत वजह हो सकती है। जैसे की सामने वाले पार्टी ने पुलिस को पैसे दिए हैं या सामने वाले लोगों ने नेता लोगों से मदद ली हैं आदी।
  • अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा हैं तो आपके पास एक अधिकार होता हैं। आप सी.आर.पी.सी के सेक्शन 154(3) के अंतर्गत आपके इलाके के ssp को लेटर लिख सकते हैं।
  • इसके बाद ssp आपके मामले को इनवेस्टिगेट करेगा या पुलिस को इनवेस्टिगेट करने को बोलेगा‌।
  • अगर ssp को लेटर लिखने के बाद भी आपकी FIR दर्ज नहीं की जा रही हैं तो आपके पास और एक अधिकार होता हैं, आप सी.आर.पी.सी के सेक्शन 156(3) के अंतर्गत सिधे जाकर आपके इलाके के मॅजिस्ट्रेट के पास जाना होगा।
  • मॅजिस्ट्रेट के पास जाने के लिए आपको वकील की जरूरत होगी। आपको एक कंप्लेंट लिखवानी हैं, उसमें आपको आपके साथ क्या क्या हुआ हैं वह सब लिखना हैं।
  • इसके बाद मॅजिस्ट्रेट पुलिस को आपकी FIR दर्ज करवाने का आदेश देंगे या आप सिधे कोर्ट में भी केस फाइल कर सकते हैं।

फौजदारी कानून और दिवानी कानून में अंतर –

फौजदारी कानून का उपयोग अपराधियों को सजा देने‌ के लिए किया जाता हैं। अपराधी जो अपराध करते हैं उनको भारतीय दंड संहिता के अनुसार सजा कोर्ट के द्वारा दी जाती हैं। इस कानून के वजह से नागरिकों का शारीरिक नुकसान से बचाव होता हैं। फौजदारी कानून उन अपराधों से संबंधित हैं जो समाज के विरुद्ध किए जाते हैं।

फौजदारी कानून ऐसे अपराधों से संबंधित हैं जिन अपराधों के वजह से समाज,भुमी, राज्य के लिए खतरा हैं। जैसे की, हत्या, हत्या का प्रयास,चोरी, बलात्कार सबुत मिटाना आदी। इन अपराधों की केस सिधे कोर्ट में दर्ज नहीं कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करनी पड़ती हैं। इसके बाद पुलिस आपके केस की जांच पड़ताल करते हैं‌ इसके बाद ही कोर्ट में केस दर्ज की जा सकती हैं। इन मामलों में सजा, जुर्माना या सजा और जुर्माना दोनों भी दिए जाते हैं।

दिवानी कानून को नागरिक कानून इस नाम से भी जाना जाता है। अपराध के अलावा अन्य मामले दिवानी कानून के अंतर्गत आते हैं। उदा. संपत्ति के मामले, पारिवारिक मामले आदी। अगर मकान मालिक और किराएदार के बीच में कोई विवाद हैं तो वह भी दिवानी कानून के अंतर्गत आता हैं। इन मामलों में आप सिधे जाकर ट्रिब्यूनल में या कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं। दिवानी कानून में सिर्फ विरुद्ध पार्टी को मुआवजा देना पड़ता हैं। इन मामलों में कोई भी सजा नहीं दी जाती।

फौजदारी वकील कैसे बनें ? (Criminal Lawyer Kaise Bane) –

  • अगर आप फौजदारी वकील बनना चाहते हैं तो आपको 12 th या ग्रेजुएशन पुरा करना होगा। आप 12 th या ग्रेजुएशन किसी भी स्ट्रिम से ( science , commerce, arts में से कोई भी स्ट्रिम) पुरा कर सकते हैं। इसके बाद आप LLB के लिए एडमिशन ले सकते हैं।
  • LLB के लिए एडमिशन लेने के लिए कुछ युनिवर्सिटी में एंट्रेंस एग्जाम देनी पड़ती हैं तो कुछ युनिवर्सिटी में डाइरेक्ट 12 th या ग्रेजुएशन के मार्क्स पर एडमिशन दिया जाता हैं।
  • अगर आप 12 th के बाद एडमिशन लेते हैं तो आपको पांच साल का LLB का कोर्स करना पड़ता हैं। अगर आप ग्रेजुएशन के बाद LLB के लिए एडमिशन लेते हैं तो आपको 3 साल का LLB का कोर्स करना पड़ता है।
  • आप क्रिमिनल लाॅयर बनना चाहते हैं तो आपको क्रिमिनल लाॅ इस विषय की अच्छे से पढ़ाई करनी होगी।
  • आपका कोर्स पूरा होने के बाद आपको AIBE की एग्जाम देनी होती हैं। इस एग्जाम में पास होने के बाद आप एडवोकेट बन जाते हैं। इसके बाद आप कोर्ट में केस लड़ सकते हैं।
  • अगर आप LLB कोर्स के दुसरे या तिसरे साल से ही किसी अच्छे क्रिमिनल लाॅयर के साथ प्रेक्टिस करते हैं तो आप बहुत ही जल्दी अच्छे क्रिमिनल लाॅयर बन सकते हैं।

निष्कर्ष:

फौजदारी कानून एक जटिल और विकसित होता कानून है जो समाज में एक आवश्यक भूमिका निभाता है। फौजदारी कानून के सिद्धांतों और आपराधिक न्याय प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि इसे सुधारने के तरीके के बारे में सूचित निर्णय लिया जा सके।

FAQ:

फौजदारी कानून का क्या मतलब है?

फौजदारी कानून, कानून का एक क्षेत्र है जो अपराधों और उन्हें करने वालों पर लागू होने वाले कानूनों से संबंधित है। फौजदारी कानून अपराधों के दो मुख्य प्रकार हैं: घोर अपराध और दुष्कर्म। सबसे गंभीर अपराध गुंडागर्दी हैं, जिसमें हत्या, डकैती और आगजनी जैसे अपराध शामिल हैं

भारत में फौजदारी क़ानून क्या है?

भारत में फौजदारी कानून को संचालित करने वाले कानून भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1974 (सीआरपीसी) हैं। आईपीसी में अपराध होने की स्थिति में पालन किए जाने वाले मूल कानून का प्रावधान है।

एक शब्द में क्रिमिनल लॉ क्या है?

फौजदारी कानून कानून का निकाय है जो अपराध से संबंधित है।

भारत में फौजदारी क़ानून किसने बनाया?

लॉर्ड मैकाले

भारत में प्रसिद्ध फौजदारी वकील कौन है?

राम जेठमलानी का जन्म 1923 में हुआ था, और वह भारत के सबसे प्रमुख अनुभवी आपराधिक वकीलों में से एक, एक राजनेता और कानून के एक एमिरिटस प्रोफेसर हैं।

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