What Is Domestic Violence Act 2005? हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको घरेलू हिंसा (Domestic Violence) अधिनियम 2005 क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 को महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम 2005 इस नाम से भी जाना जाता है। इस अधिनियम को 2005 साल में लागू किया गया था। महिलाओं पर जो दुर्व्यवहार होते हैं या हिंसा होती हैं उन्हें रोकने के लिए यह अधिनियम लागू किया गया हैं। अब घरेलू हिंसा के मामले बहुत बढ़ रहे हैं।
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 क्या हैं ? What Is Domestic Violence Act 2005?
महिलाओं को घर में मारपीट, रोक-टोक, अपशब्द ऐसे समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। महिलाओं पर मौखिक, यौन, शारीरिक, आर्थिक अत्याचार हो रहे हैं। महिलाओं पर घर के लोगों के द्वारा ही ज्यादा से ज्यादा अत्याचार किए जाते हैं जैसे की, जेठानी, जेठ, देवर, देवरानी, सास, ससुर, ननंद आदी। घरेलू हिंसा (Domestic Violence) अधिनियम 2005 के बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढिए।
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 क्या हैं ?-
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 को महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम 2005 इस नाम से भी जाना जाता है। इस अधिनियम को 2005 साल में लागू किया गया था। महिलाओं पर जो दुर्व्यवहार होते हैं या हिंसा होती हैं उन्हें रोकने के लिए यह अधिनियम लागू किया गया हैं। अब घरेलू हिंसा के मामले बहुत बढ़ रहे हैं।
महिलाओं को घर में मारपीट, रोक-टोक, अपशब्द ऐसे समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। महिलाओं पर मौखिक, यौन, शारीरिक, आर्थिक अत्याचार हो रहे हैं। महिलाओं पर घर के लोगों के द्वारा ही ज्यादा से ज्यादा अत्याचार किए जाते हैं जैसे की, जेठानी, जेठ, देवर, देवरानी, सास, ससुर, ननंद आदी।
इस अधिनियम में महिलाओं के अधिकार, महिला हिंसा से बचाव कैसे करें, महिला अपने उपर होने वाले हिंसा की शिकायत कहां और कैसे करें इसके बारे में बताया हुआ हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 में बहुत प्रकार के हिंसा के बारे में बताया हैं जैसे की शारीरीक, मौखिक, यौन, भावनात्मक, आर्थिक आदी।
घरेलू हिंसा के प्रकार –
घरेलू हिंसा के पाच प्रकार हैं। घरेलू हिंसा में शारिरीक और गैर शारीरिक दोनों प्रकार के हिंसा का समावेश होता हैं। अब हम आपको घरेलू हिंसा के कौन कौन से प्रकार हैं इसके बारे में जानकारी देते हैं।
- शारीरिक दुर्व्यवहार –
शारीरिक दुर्व्यवहार यह ऐसे दुर्व्यवहार होते हैं जिसमें महिला को शारीरीक चोट या महिला का शारीरिक नुकसान किया जाता है। जैसे की – थप्पड मारना, लाथ मारना, जलाना या हाथियार से वार करना आदी।
- यौन दुर्व्यवहार –
अगर किसी महिला के सहमती के बिना उसके साथ कोई यौन गतिविधि या जबरदस्ती की जाती हैं तो उसे यौन दुर्व्यवहार कहा जाता है। अगर महिला के साथ उसके संमती के बिना शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं तो उसे यौन दुर्व्यवहार कहा जाएगा।
- भावनात्मक दुर्व्यवहार –
अगर कोई व्यक्ती किसी महिला के भावना को ठेस पहुंचाता हैं तो उसे भावनात्मक दुर्व्यवहार कहां जाता है। इसमें महिला का अपमान करना इस तरह का व्यवहार शामिल होता हैं।
- मौखिक दुर्व्यवहार –
अगर कोई व्यक्ती किसी महिला को नीचा दिखाने के उद्देश्य से किसी गंदी भाषा का उपयोग करता हैं तो उसे मौखिक दुर्व्यवहार कहां जा सकता है। इसमें चिल्लाना, मजाक उड़ाना यह दुर्व्यवहार शामिल हैं।
- आर्थिक या वित्तीय दुरुपयोग –
वित्तीय दुरुपयोग मतलब किसी महिला को आर्थिक सहायता बंद करना या उसकी कमाई छिनकर लेना। अगर कोई व्यक्ती किसी महिला तक पैसे पहुंचने नहीं देता, आर्थिक सहायता रोक देता हैं, कमाई छिनकर लेता हैं, महिला की किंमती चीज उसकी सहमती के बिना बेच देता हैं तो यह व्यवहार आर्थिक या वित्तीय दुरुपयोग में शामिल हैं।
- डिजिटल या तकनीकी दुरुपयोग-
अब डिजिटल या तकनीकी दुरुपयोग इस व्यवहार को घरेलू हिंसा के रुप में देखा जाता हैं। अगर कोई व्यक्ती किसी महिला को मोबाइल का इस्तेमाल करने से या मैसेजिंग एप्स का या सोशल साइट्स का इस्तेमाल करने से रोकता हैं तो इस व्यवहार को भी घरेलू हिंसा कहां जाता हैं। अगर किसी महिला की फोटो लेकर उसका गलत इस्तेमाल करने का डर दिखाया जाता हैं तो इसे भी घरेलू हिंसा कहां जाएगा।
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के अनुसार किन किन लोगों के खिलाफ शिकायत की जा सकती है ?-
- वयस्क पुरुष रिश्तेदार –
अगर कोई पुरुष जो आपका रिश्तेदार हो और उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा हो और वह अगर आपके साथ कोई गलत व्यवहार करता हैं तो आप उनके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। इसमें पती, वयस्क पुत्र, पिता या कोई भी पुरुष रिश्तेदार शामिल हो सकता हैं।
- महिला रिश्तेदार –
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 को महिलाओं के सुरक्षा के लिए ही बनाया गया हैं लेकिन अगर कोई महिला रिश्तेदार आपके साथ गलत व्यवहार करती हैं तो आप उनके खिलाफ भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- गैर-रिश्तेदार –
अगर ऐसा कोई व्यक्ती जो महिला का रिश्तेदार नहीं हैं लेकिन उसका उस महिला के साथ घरेलू जैसा ही संबंध हैं और अगर उस व्यक्ती के द्वारा महिला के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है तो वह महिला उस व्यक्ती के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकती हैं।
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के तहत शिकायत कौन कौन दर्ज कर सकता हैं ?-
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के तहत घरेलू हिंसा की शिकायत महिला के सिवाय उस महिला के लिए कोई दुसरे व्यक्ती या संघटन भी कर सकते हैं। अब हम आपको घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के तहत कौन कौन शिकायत कर सकते हैं इसके बारे में जानकारी देते हैं।
- पीड़ित महिला –
अगर किसी महिला के साथ घरेलू हिंसा हो रही हैं तो वह महिला घरेलू हिंसा की शिकायत कर सकती हैं।
- मित्र या परिवार –
पीड़ित महिला के मित्र या परिवार महिला के साथ होने वाले घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- पड़ोसी –
अगर कोई पडोसी अपने पड़ोस के महिला के साथ घरेलू हिंसा होते हुए देख रहे हैं तो वह घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- गैर- सरकारी संगठन (एनजीओ)-
अगर किसी महिला के साथ घरेलू हिंसा हो रही हैं तो कोई भी गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
FAQ
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 क्या हैं ?
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 को महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम 2005 इस नाम से भी जाना जाता है। इस अधिनियम को 2005 साल में लागू किया गया था। महिलाओं पर जो दुर्व्यवहार होते हैं या हिंसा होती हैं उन्हें रोकने के लिए यह अधिनियम लागू किया गया हैं।
घरेलू हिंसा के कौन कौनसे प्रकार हैं ?
आर्थिक या वित्तीय दुरुपयोग, मौखिक दुर्व्यवहार, यौन दुर्व्यवहार, भावनात्मक दुर्व्यवहार, शारीरिक दुर्व्यवहार, डिजिटल या तकनीकी दुरुपयोग यह घरेलू हिंसा के प्रकार हैं।
घरेलू हिंसा की शिकायत किस किस व्यक्ती के खिलाफ दर्ज कर सकते हैं ?
घरेलू हिंसा की शिकायत महिला रिश्तेदार, वयस्क पुरुष रिश्तेदार और गैर-रिश्तेदार के खिलाफ दर्ज कर सकते हैं।
घरेलू हिंसा की शिकायत कौन कौन दर्ज कर सकते हैं ?
घरेलू हिंसा की शिकायत पीड़ित महिला दर्ज कर सकती हैं। पीड़ित महिला के तर्फ से या पीड़ित महिला के लिए गैर- सरकारी संगठन (एनजीओ),पड़ोसी, मित्र या परिवार घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
इस पोस्ट में हमने आपको घरेलू हिंसा (Domestic Violence) अधिनियम 2005 क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी है। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !