वसीयतनामा पूरी जानकारी Will Information In Hindi

हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको वसीयतनामा क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। वसीयतनामा यह एक कानूनी दस्तावेज हैं। यह दस्तावेज बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं। यह दस्तावेज संपत्ति के संबंधित हैं। मृत्यु के बाद संपत्ति किसको देनी हैं इसके बारे में एक पेपर पर लिखा जाता हैं।‌ उसे ही वसीयतनामा कहा जाता हैं। वसीयतनामा को वसीयत और इच्छापत्र इन नामों से भी जाना जाता है। वसीयत को अंग्रेजी में वील (Will) इस नाम से जाना जाता है।

 will Information In Hindi

वसीयतनामा पूरी जानकारी will Information In Hindi

वसीयत चल और अचल दोनों संपत्तीयों की बनाई जा सकती है। हिंदू लाॅ के अनुसार खुद से खरीदी हुई संपत्ति की वसीयत की जा सकती हैं। लेकिन कोई संपत्ति पैतृक हैं तो उसकी वसीयत नहीं की जा सकती। वसीयतनामा क्या हैं इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढिए।

वसीयतनामा (Will) क्या हैं ?

वसीयतनामा को वसीयत और इच्छापत्र इन नामों से भी जाना जाता है। वसीयत को अंग्रेजी में वील (Will) इस नाम से जाना जाता है। मृत्यु के बाद संपत्ति किसको देनी हैं इसके बारे में एक पेपर पर लिखा जाता हैं।‌ उसे ही वसीयतनामा कहा जाता हैं। वसीयतनामा यह एक कानूनी दस्तावेज हैं। यह दस्तावेज बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं। यह दस्तावेज संपत्ति के संबंधित हैं। वसीयत चल और अचल दोनों संपत्तीयों की बनाई जा सकती है। वसीयत बनाने के लिए दो गवाहों की आवश्यकता होती हैं। उन गवाहों ने वसीयत पर हस्ताक्षर करना जरूरी हैं।

वसीयत बनाने के लिए आवश्यक चीजें

  • जो व्यक्ती वसीयत बनाना चाहता हैं उसकी उम्र 18 साल से अधिक होना जरूरी है।
  • वसीयतकर्ता का दिमाग स्वस्थ होना जरूरी है। वसीयतकर्ता वैध वसीयत बनाने के लिए सक्षम होना जरूरी हैं।
  • वसीयतकर्ता अपने वकील के मदद से अपने इच्छा के अनुसार वसीयत में कोई भी चीज बढ़ा सकता हैं या हटवा सकता हैं।
  • 1925 के भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम में उल्लेख किया हैं की जो दृष्टीबाधित या बोलने में अक्षम लोग हैं उनके लिए वसीयत तैयार करने के लिए अलग प्रावधान किए गए हैं।

वसीयत कैसे लिखें ?

  • वसीयत का कोई भी फाॅर्मेट निश्चित नहीं हैं। फिर भी वसीयत लिखने से पहले किसी वकील की सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकी आगे चलकर आपको किसी कानूनी समस्या का सामना न करना पड़े।
  • वसीयत पर वसीयतकर्ता का नाम, पिता का नाम, पता और जन्म तिथि का उल्लेख करना जरूरी हैं।
  • वसीयत में वसीयत बनाने के तिथि का भी उल्लेख करना जरूरी हैं।
  • वसीयत बनाते समय आपको इस बात का भी उल्लेख करना होता हैं‌ की आप जो वसीयत बना रहे हैं वह अपने स्वतंत्र इच्छा से बना रहे हैं। आपके उपर किसी का भी दबाव नहीं हैं।
  • नोटरी पूरी जानकारी
  • वसीयत बनाते समय आपको इस बात का भी उल्लेख करना हैं की आप मानसिक रूप से बिल्कुल ठीक हैं।
  • आप जिस व्यक्ती को प्राॅपर्टी देना चाहते हैं उसे निष्पादक कहां जाता हैं। आपको निष्पादक के नाम, पता, उम्र, वसीयतकर्ता से संबंध इन चीजों का भी उल्लेख वसीयत में करना जरूरी होता हैं।
  • वसीयत करते समय आप जिस चीजों की वसीयत बनाने चाहते हैं उन सभी चीजों का या प्राॅपर्टी का आपको पते के साथ उल्लेख करना हैं। वसीयत में अगर आप अचल चीजें भी निष्पादक को देना चाहते हैं जैसे की बैंक बैलेंस, बीमा, म्यूच्युअल फंड तो उनका भी उल्लेख करना जरूरी हैं। आप जितने भी प्राॅपर्टी की वसीयत बनाने चाहते हैं उन सभी प्राॅपर्टी के साथ लाभार्थी का नाम जोड़ना भी जरूरी हैं।
  • वसीयत में वसीयतकर्ता ने हस्ताक्षर करना भी जरूरी हैं।
  • वसीयत बनाते समय आपको दो गवाहों की भी जरूरत होती हैं। उन दो गवाहों ने वसीयत पर हस्ताक्षर करना भी जरूरी हैं। उन गवाहों के नाम, पिता का नाम और पते का भी उल्लेख वसीयत में होना जरूरी है।

वसीयत किस भाषा में लिखी जाती है ?

वसीयत किसी भी भाषा में लिखी जा सकती है। आपको जो भाषा अच्छे से आती हो आप उस भाषा में वसीयत लिख सकते हैं। आप जिस भाषा में वसीयत लिख रहे हैं वह भाषा स्पष्ट होनी चाहिए उसमें गलतीयां नहीं होनी चाहिए।

वसीयत का रजिस्ट्रेशन कैसे करें ?

  • वसीयत का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको सबसे पहले वसीयत लिखकर तैयार करना होगा। उसपर खुद के हस्ताक्षर और दो गवाहों के हस्ताक्षर करवाना जरूरी हैं।
  • इसके बाद आपको दो गवाहों के साथ रजिस्ट्रार ऑफिस में जाना होगा।
  • अब जितनी रजिस्ट्रेशन की फी होगी उतनी आपको भरनी हैं।
  • इसके बाद आपकी वसीयत बनकर पुरी हो जाएगी।

वसीयत रजिस्ट्रर्ड करवाना क्यों जरूरी है ?

वसीयत रजिस्ट्रर्ड करवाना बहुत जरूरी होता है। अगर आप वसीयत को रजिस्टर्ड करवाते हैं तो आप वसीयत में हेर फेर होने से बच सकते हैं। अगर वसीयत रजिस्ट्रर्ड होती हैं तो वसीयत से संबंधित विवाद भी कम होते हैं। वसीयत रजिस्ट्रर्ड करने से अगर कोई व्यक्ती नहीं हैं तो दावेदारों में प्राॅपर्टी का वितरण करना भी आसान रहता हैं। वसीयत रजिस्ट्रर्ड करने से आपको वसीयत की लीगल काॅपी मिल जाती हैं। इस वजह से वसीयत में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाती।

FAQ

वसीयतनामा क्या हैं ?

मृत्यु के बाद संपत्ति किसको देनी हैं इसके बारे में एक पेपर पर लिखा जाता हैं।‌ उसे ही वसीयतनामा कहा जाता हैं।

क्या वसीयत बनाने के लिए गवाहों की जरूरत होती हैं ?

हां। वसीयत बनाने के लिए दो गवाहों की जरूरत होती है।

वसीयत किस भाषा में लिखना जरूरी हैं ?

वसीयत किसी भी भाषा में लिखी जा सकती है। आपको जो भाषा अच्छे से आती हो आप उस भाषा में वसीयत लिख सकते हैं। आप जिस भाषा में वसीयत लिख रहे हैं वह भाषा स्पष्ट होनी चाहिए उसमें गलतीयां नहीं होनी चाहिए।

क्या वसीयत रजिस्ट्रर्ड करवाना जरूरी हैं ?

हां। वसीयत रजिस्ट्रर्ड करवाना जरूरी होती हैं। वसीयत रजिस्ट्रर्ड करवाने से भविष्य में ज्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।

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