भारतीय दंड संहिता की धारा 111 क्या हैं ? IPC Section 111 In Hindi

IPC Section 111 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 111 क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। भारतीय दंड संहिता में अपराध और उनकी सजा के बारे में जानकारी दी गई है। भारतीय दंड संहिता को अंग्रेज शासनकाल में लागू किया गया था।

IPC Section 111 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 111 क्या हैं ? IPC Section 111 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 111 में अगर कोई एक व्यक्ती किसी दुसरे व्यक्ती को कोई अपराध करता हैं और उस व्यक्ती के द्वारा जिस अपराध के लिए उकसाया गया था उसके सिवाय अन्य कोई अपराध किया जाता है तो ऐसी स्थिति में उकसाने वाले व्यक्ति को क्या सजा मिलेगी इसके बारे में जानकारी दी हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 111 क्या हैं इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 111 क्या हैं ?-

भारतीय दंड संहिता की धारा 111 में अगर कोई एक व्यक्ती किसी दुसरे व्यक्ती को कोई अपराध करता हैं और उस व्यक्ती के द्वारा जिस अपराध के लिए उकसाया गया था उसके सिवाय अन्य कोई अपराध किया जाता है तो ऐसी स्थिति में उकसाने वाले व्यक्ति को क्या सजा मिलेगी इसके बारे में जानकारी दी हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 111 के अनुसार “दुष्प्रेरक ने किसी एक अपराध के लिए दुष्प्रेरण किया गया हैं और दुष्प्रेरीत व्यक्ती के द्वारा अलग कार्य या अपराध किया जाता है, तब दुष्प्रेरक उसी किए गए कार्य या अपराध के दायित्व अधीन हैं, माना सीधे उसने उसी कार्य के लिए दुष्प्रेरण किया हैं।

परन्तु यह तब जब किया गया हुआ कार्य दुष्प्रेरण का अधिसम्भाव्य परिणाम था और उस उकसाहट के असर के अधीन या उस मदद से या उसी षड्यंत्र के अनुसरण में किया गया था जिससे वह दुष्प्रेरण गठित होता हैं।”

अब इस धारा को हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं। अगर किसी व्यक्ती ने किसी व्यक्ती को किसी अपराध के लिए उकसाया, बहकाया, कोई साजिश की या किसी अपराध को अंजाम देने के लिए हाथियार दिया और उस उकसाहट में आकर उस व्यक्ती ने वह अपराध करने के सिवाय और दुसरा कोई अपराध किया और उस व्यक्ती ने दिए हुए हाथियार का भी इस्तेमाल किया तब उकसाने वाले व्यक्ति को किए गए अपराध की सजा मिलेगी।

उदाहरण –

A इस व्यक्ती ने B इस छोटे बच्चे को C इस व्यक्ती के खाने में जहर मिलाने के लिए दिया। तब B इस छोटे बच्चे ने उस बहकावे में आकर C के सिवाय D इस व्यक्ती के खाने में जहर मिला दिया। इससे D इस व्यक्ती की मौत हो गई। भले ही A ने C के खाने में जहर मिलाने के लिए कहां हो, फिर भी A को D इस व्यक्ती के हत्या का दोषी माना जाएगा।

FAQ

भारतीय दंड संहिता की धारा 111 में किसके बारे में बताया गया है ?

भारतीय दंड संहिता की धारा 111 में अगर कोई एक व्यक्ती किसी दुसरे व्यक्ती को कोई अपराध करता हैं और उस व्यक्ती के द्वारा जिस अपराध के लिए उकसाया गया था उसके सिवाय अन्य कोई अपराध किया जाता है तो ऐसी स्थिति में उकसाने वाले व्यक्ति को क्या सजा मिलेगी इसके बारे में जानकारी दी हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 111 क्या हैं ?

भारतीय दंड संहिता की धारा 111 के अनुसार “दुष्प्रेरक ने किसी एक अपराध के लिए दुष्प्रेरण किया गया हैं और दुष्प्रेरीत व्यक्ती के द्वारा अलग कार्य या अपराध किया जाता है, तब दुष्प्रेरक उसी किए गए कार्य या अपराध के दायित्व अधीन हैं, माना सीधे उसने उसी कार्य के लिए दुष्प्रेरण किया हैं। परन्तु यह तब जब किया गया हुआ कार्य दुष्प्रेरण का अधिसम्भाव्य परिणाम था और उस उकसाहट के असर के अधीन या उस मदद से या उसी षड्यंत्र के अनुसरण में किया गया था जिससे वह दुष्प्रेरण गठित होता हैं।”

इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 111 क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी है। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !

Leave a Comment