भारतीय दंड संहिता की धारा 112 क्या हैं ? IPC Section 112 In Hindi

IPC Section 112 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 112 क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। भारतीय दंड संहिता में अपराध और उनकी सजा के बारे में जानकारी दी गई है। भारतीय दंड संहिता को अंग्रेज शासनकाल में लागू किया गया था।

IPC Section 112 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 112 क्या हैं ? IPC Section 112 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 112 में दुष्प्रेरक व्यक्ती को एक साथ कई अपराधों की सजा कब मिलती हैं इसके बारे में बताया हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 112 में आखिर कब किसी एक अपराध के लिए उकसाने वाले व्यक्ती को कई अपराधों की सजा मिलती हैं इसके बारे में बताया हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 112 क्या हैं इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 112 क्या हैं ?-

भारतीय दंड संहिता की धारा 112 में आखिर कब किसी एक अपराध के लिए उकसाने वाले व्यक्ती को कई अपराधों की सजा मिलती हैं इसके बारे में बताया हैं। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 112 के अनुसार, ” दुष्प्रेरक कब दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दंड से दंडनीय हैं।

अगर वह कार्य, जिसके लिए दुष्प्रेरक अंतिम पुर्वगामी धारा के अनुसार दायित्व के अधीन हैं, दुष्प्रेरित कार्य के अतिरिक्त किया जाता हैं और वह कोई सुभिन्न अपराध गठित हो जाता हैं, तो दुष्प्रेरक उन अपराधों में से हर एक के लिए दंडनीय नहीं होता हैं।”

अब इस धारा को हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं। दुष्प्रेरक (उकसाने वाला व्यक्ती) अगर यह जानता हैं की किसी अपराध को उकसाने के वजह से कई और अपराध हो सकते हैं, उकसावें में आए हुए व्यक्ती जब कोई एक अपराध करने के लिए जाते हैं तब उसके साथ कई और अपराध भी हो जाते हैं, तब ऐसी स्थिति में दुष्प्रेरक को उन सभी अपराधों की सजा मिलेगी। यहां जिसने बहकाया हैं और जिसने बहकावे में आकर अपराध किया हैं उन दोनों को सजा मिलेगी।

उदाहरण –

A इस व्यक्ती ने B इस व्यक्ती को किसी पुलिस वाले को उसका कोई काम करने से रोकने के लिए उकसाया। B ने उस उकसावें में आकर पुलिस वाले को उसका काम करने से रोका। B ने पुलिस वाले को रोकने के साथ साथ उसपर हमला भी किया। इससे पुलिस वाले को चोट लग गई।

इसमें B ने दो अपराध किया हैं। पहला अपराध पुलिस वाले ने कानूनी कार्य में बाधा लाई हैं और दुसरा अपराध उसने पुलिस वाले पर हमला किया हैं। इस स्थिति में B दोनों अपराधों का दोषी होगा। A को भी पहले से पता था की पुलिस वाले को कार्य से रोकते समय हाथापाई भी होगी। इसलिए भी A यह व्यक्ती भी दोनों अपराधों का दोषी हैं।

FAQ

भारतीय दंड संहिता की धारा 112 में किसके बारे में बताया गया है ?

भारतीय दंड संहिता की धारा 112 में आखिर कब किसी एक अपराध के लिए उकसाने वाले व्यक्ती को कई अपराधों की सजा मिलती हैं इसके बारे में बताया हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 112 क्या हैं ?

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 112 के अनुसार, ” दुष्प्रेरक कब दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दंड से दंडनीय हैं। अगर वह कार्य, जिसके लिए दुष्प्रेरक अंतिम पुर्वगामी धारा के अनुसार दायित्व के अधीन हैं, दुष्प्रेरित कार्य के अतिरिक्त किया जाता हैं और वह कोई सुभिन्न अपराध गठित हो जाता हैं, तो दुष्प्रेरक उन अपराधों में से हर एक के लिए दंडनीय नहीं होता हैं।”

इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 112 क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !

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