भारतीय दंड संहिता की धारा 118 क्या हैं ? IPC Section 118 In Hindi

IPC Section 118 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 118 क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। भारतीय दंड संहिता में अपराध और उनकी सजा के बारे में जानकारी दी गई है। भारतीय दंड संहिता को अंग्रेज शासनकाल में लागू किया गया था।

IPC Section 118 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 118 क्या हैं ? IPC Section 118 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 118 में अगर कोई व्यक्ती किसी दुसरे व्यक्ती को अपराध करने के लिए मदद करता हैं जिसकी सजा आजीवन कारावास और मृत्यु दंड हैं तो उसको क्या सजा होगी और मदद करने के बाद अपराध नहीं होता तो मदद करने वाले को कितनी सजा होगी इसके बारे में जानकारी दी है। भारतीय दंड संहिता की धारा 118 के बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।‌

भारतीय दंड संहिता की धारा 118 क्या हैं ?

भारतीय दंड संहिता की धारा 118 में अगर कोई व्यक्ती किसी दुसरे व्यक्ती को अपराध करने के लिए मदद करता हैं जिसकी सजा आजीवन कारावास और मृत्यु दंड हैं तो उसको क्या सजा होगी और मदद करने के बाद अपराध नहीं होता तो मदद करने वाले को कितनी सजा होगी इसके बारे में बताया गया हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 118 के अनुसार अगर कोई व्यक्ती किसी दुसरे व्यक्ती को ऐसे अपराध के लिए मदद करता हैं जिसकी सजा आजीवन कारावास या मृत्यु दंड हैं तो मदद करने वाले व्यक्ति को सात साल की सजा और जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर मदद करने के बाद भी कोई अपराध नहीं होता हैं तो भी मदद करने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है और जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

उदाहरण –

A इस व्यक्ती को यह पता हैं की B के घर में डकैती होने वाली है। फिर भी A इस व्यक्ती ने मेजिस्ट्रेट को गुमराह करते हुए यह बताया की डकैती C के घर में होने वाली है। C का घर B के घर से पुरी उल्टी दिशा में हैं। अगर B के घर में डकैती होती हैं तो A को इस धारा के अनुसार सात साल की जेल की सजा और जुर्माने की सजा हो सकती है। अगर डकैती नहीं भी होती तो A को तीन साल की जेल की सजा और जुर्माना भरना पड़ सकता हैं।

FAQ

भारतीय दंड संहिता की धारा 118 में किसके बारे में बताया हैं ?

भारतीय दंड संहिता की धारा 118 में अगर कोई व्यक्ती किसी दुसरे व्यक्ती को अपराध करने के लिए मदद करता हैं जिसकी सजा आजीवन कारावास और मृत्यु दंड हैं तो उसको क्या सजा होगी और मदद करने के बाद अपराध नहीं होता तो मदद करने वाले को कितनी सजा होगी इसके बारे में बताया गया हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 118 क्या हैं ?

भारतीय दंड संहिता की धारा 118 के अनुसार अगर कोई व्यक्ती किसी दुसरे व्यक्ती को ऐसे अपराध के लिए मदद करता हैं जिसकी सजा आजीवन कारावास या मृत्यु दंड हैं तो मदद करने वाले व्यक्ति को सात साल की सजा और जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर मदद करने के बाद भी कोई अपराध नहीं होता हैं तो भी मदद करने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है और जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 118 क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी है। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !

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