भारतीय दंड संहिता की धारा 84 क्या हैं ? IPC Section 84 In Hindi

IPC Section 84 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 84 के बारे में जानकारी देने वाले हैं ‌। भारतीय दंड संहिता की धारा 84 में विकृतचित्त व्यक्ती द्वारा किए हुए कार्य के बारे में जानकारी दी है । इस पोस्ट में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं ।

IPC Section 84 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 84 क्या हैं ? IPC Section 84 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 84 क्या हैं ? –

भारतीय दंड संहिता की धारा 84 में विकृतचित्त व्यक्ती द्वारा किए हुए कार्य के बारे में जानकारी दी है । भारतीय दंड संहिता की धारा 84 के अनुसार ऐसा कोई भी कार्य अपराध नहीं हैं जो ऐसे व्यक्ती द्वारा किया जाए जिसकी दिमाग की हालत कार्य करते समय ठीक नहीं हैं , जो कार्य की प्रकृती समझने के लिए असमर्थ हैं , या वो ऐसा कार्य कर रहा हैं जो कार्य गलत हैं या कानून के विपरित हैं ।‌

अब इस धारा को हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं । अगर कोई व्यक्ति दिमागी रुप से अस्वस्थ हैं , उसको यह पता नहीं हैं की वह जो कार्य कर रहा हैं वह कानुन के खिलाफ हैं । ऐसे व्यक्ती को इस धारा से प्रोटेक्शन मिल जाता हैं । मान लीजिए की A इस व्यक्ती की दिमागी हालत ठीक नहीं है और वह किसी महिला के साथ बलात्कार कर देता हैं तो उसे कोई सजा नहीं दी जाएगी । लेकिन उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं हैं यह साबित करने के लिए उसको मजबूत सबुत देना पड़ेगा ।

इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 84 के बारे में जानकारी दी है । हमारी यह पोस्ट शेयर जरुर किजिए । धन्यवाद !

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