BNS Section 63 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita) की धारा 63 क्या हैं ( What is BNS Section 63 in Hindi) इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। पहले हमारे देश में भारतीय दंड संहिता यह कानून था। लेकिन अब इसकी जगह भारतीय न्याय संहिता ने ली हैं। अभी संसद द्वारा पारित तीन विधेयकों ने अब कानून का रूप लिया हैं। भारतीय दंड संहिता को अंग्रेजों ने लागू किया था। अंग्रेजों के समय से भारत में भारतीय दंड संहिता लागू थी।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 क्या हैं ? BNS Section 63 In Hindi
अंग्रेजों के काल से जो आपराधिक कानून भारत में लागू थे उनकी जगह लेने वाले तीन संशोधन विधेयकों पर कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दी। अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता ने ली हैं। भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 में बलात्संग या बलात्कार (Rape) क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 क्या हैं इसके बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी यह पोस्ट अंत तक जरुर पढ़िए।
भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyay Sanhita) की धारा 63 क्या हैं ( What is BNS Section 63 in Hindi) ?-
भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 में बलात्संग या बलात्कार (Rape) क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 के अनुसार –
यदि कोई पुरुष –
क) किसी स्त्री की योनि, उसके मुंह, मूत्रमार्ग या गुदा में अपना लिंग किसी भी सीमा तक प्रवेश करता है या उससे ऐसा अपने या किसी अन्य व्यक्ती के साथ कराता हैं ; या
ख) किसी स्त्री की योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में ऐसी कोई वस्तु या शरीर का कोई भाग, जो लिंग न हो, किसी भी सीमा तक अनुप्रविष्ट करता है या उससे ऐसा अपने या किसी अन्य व्यक्ती के साथ कराता है ; या
ग) किसी स्त्री के शरीर के किसी भाग का इस प्रकार हस्तसाधन करता हैं जिससे कि उस स्त्री की योनि, गुदा, मूत्रमार्ग या शरीर के किसी भाग में प्रवेशन कारित किया जा सके या उससे ऐसा अपने या किसी अन्य व्यक्ती के साथ कराता है ; या
घ) किसी स्त्री की योनि, मूत्रमार्ग, गुदा पर अपना मुंह लगाता है या उससे ऐसा अपने या किसी अन्य व्यक्ती के साथ कराता है,
तो उसके बारे में यह कहा जाएगा की उसने बलात्संग किया है, जहां ऐसा निम्नलिखित सात भांति की परिस्थितियों में से किसी के अधीन किया जाता है :-
i) उस स्त्री की इच्छा के विरुद्ध।
ii) उस स्त्री की संमति के बिना।
iii) उस स्त्री की संमति से, जब उसकी संमति उसे या ऐसे किसी व्यक्ती को, जिससे वह हितबद्ध है, मृत्यु या उपहति के भय में डालकर अभिप्राप्त की गई है।
iv) उस स्त्री की संमति से, जब की वह पुरुष यह जानता है की वह उस स्त्री का पति नहीं हैं और उस स्त्री ने संमति इस कारण दी है की वह यह विश्वास करती है की वह ऐसा अन्य पुरुष है जिससे वह विधिपूर्वक विवाहित हैं या विवाहित होने का विश्वास करती हैं।
v) उस स्त्री की संमति से, जब ऐसी संमति देने के समय, वह विकृतचित्तता या मत्तता के कारण या उस पुरुष द्वारा व्यक्तिगत रूप से या किसी अन्य व्यक्ती के माध्यम से कोई संजाशून्यकारी या अस्वास्थ्यकर पदार्थ दिए जाने के कारण, उस बात की, जिसके बारे में वह संमति देती हैं, प्रकृति और परिणामों को समझने में असमर्थ हैं।
vi) उस स्त्री की संमति से या उसके बिना, जब वह अठारह वर्ष से कम आयु की हैं।
vii) जब वह स्त्री संमति संसूचित करने में असमर्थ हैं।
स्पष्टीकरण 1- इस धारा के प्रयोजनों के लिए, “योनि” के अंतर्गत वृहत् भगौष्ठ भी है।
स्पष्टीकरण 2- संमति से कोई स्पष्ट स्वैच्छिक सहमति अभिप्रेत है, जब स्त्री शब्दों, संकेतों या किसी प्रकार की मौखिक या अमौखिक संसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट लैंगिक कृत्य में भाग लेने की इच्छा व्यक्त करती है :
परंतु ऐसी स्त्री के बारे में, जो प्रवेशन के कृत्य का भौतिक रूप से विरोध नहीं करती हैं, मात्र इस तथ्य के कारण यह नहीं समझा जाएगा की उसने लैंगिक क्रियाकलाप के प्रति संमति प्रदान की है।
अपवाद 1- किसी चिकित्सीय प्रक्रिया अंत:प्रवेशन से बलात्संग गठित नहीं होगा।
अपवाद 2- किसी पुरुष की अपनी स्वयं की पत्नी के साथ मैथुन या लैंगिक कृत्य, यदि पत्नी पंद्रह साल से कम आयु की न हो, बलात्संग नहीं है।
FAQ
भारतीय न्याय संहिता में कितनी धारा हैं ?
भारतीय न्याय संहिता में 356 धारा हैं।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 में किस बारे में जानकारी दी गई है ?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 में बलात्संग के बारे में जानकारी दी गई है।
इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 क्या हैं इसके बारे में जानकारी दी है। हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजिए। धन्यवाद !