IPC Section 67 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 67 क्या हैं इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं । भारतीय दंड संहिता के धारा 67 में अगर अपराध सिर्फ आर्थिक दंड से दंडनीय हैं तो आर्थिक दंड न भरने पर कारावास की सजा इसके बारे में जानकारी दी है । इस पोस्ट में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं ।
भारतीय दंड संहिता की धारा 67 क्या हैं ? IPC Section 67 In Hindi
भारतीय दंड संहिता की धारा 67 क्या हैं ? –
भारतीय दंड संहिता के धारा 67 में अगर अपराध सिर्फ आर्थिक दंड से दंडनीय हैं तो आर्थिक दंड न भरने पर कारावास की सजा इसके बारे में जानकारी दी है । भारतीय दंड संहिता की धारा 67 के अनुसार , अगर कोई व्यक्ती कोई अपराध करता हैं और वह अपराध सिर्फ आर्थिक दंड से दंडनीय हैं और अगर वह व्यक्ती आर्थिक दंड नहीं भर सकता तो न्यायालय उस अपराधी को कारावास की सजा दे सकता हैं । लेकिन वह कारावास की सजा इससे ज्यादा नहीं होनी चाहिए –
1) अगर आर्थिक दंड पचास रुपए से अधिक न हो तो दो माह तक की कोई अवधि ।
2) अगर आर्थिक दंड सौ रुपए से अधिक न हो तो चार मास तक की अवधि और अन्य परिस्थिति में छह मास तक की अवधि ।
अब इस धारा को हम आसान भाषा में समझाते हैं । कुछ सेक्शन में आर्थिक दंड की सजा दी जाती हैं और अगर अपराधी आर्थिक दंड भरने में असमर्थ हैं तो उसे कारावास की सजा दी जाएगी । अगर किसी अपराधी को पचास रुपए का आर्थिक दंड दिया हैं और वह अपराधी यह दंड भरने में असमर्थ हैं तो उसे दो माह तक के अवधि का कारावास दिया जाएगा और अगर किसी अपराधी को सौ रुपए का आर्थिक दंड दिया हैं और वो आर्थिक दंड भरने में असमर्थ हैं तो उसे चार मास तक का कारावास दिया जाएगा । अगर कुछ अन्य परिस्थिति हैं तो छह मास तक की अवधि का कारावास दिया जाएगा ।
अब हम आपको एक उदाहरण देकर इस धारा को समझाते हैं । मान लिजिए प्रकाश यह एक व्यक्ती हैं और इसे सौ रुपए का आर्थिक दंड दिया हैं और प्रकाश सौ रुपए का आर्थिक दंड भरने में असमर्थ हैं तो इसे चार मास तक की अवधि की सजा न्यायालय द्वारा दी जाएगी ।
इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय दंड संहिता के धारा 67 के बारे में जानकारी दी है । हमारी यह पोस्ट शेयर जरुर किजिए । धन्यवाद !