भारतीय दंड संहिता की धारा 79 क्या हैं ? IPC Section 79 In Hindi

IPC Section 79 In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 79 के बारे में जानकारी देने वाले हैं । भारतीय दंड संहिता की धारा 79 में अगर कोई व्यक्ती विधि द्वारा न्यायानुमत हो तो उसने कोई कार्य किया हैं या तथ्य के भुल के कारण कोई कार्य किया जाता है या न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ती द्वारा किया हुआ कार्य अपराध नहीं हैं इसके बारे में जानकारी दी है । इस पोस्ट में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं ।

IPC Section 79 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 79 क्या हैं ? IPC Section 79 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 79 क्या हैं ? –

भारतीय दंड संहिता की धारा 79 में अगर कोई व्यक्ती विधि द्वारा न्यायानुमत हो तो उसने कोई कार्य किया हैं या तथ्य के भुल के कारण कोई कार्य किया जाता है या न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ती द्वारा किया हुआ कार्य अपराध नहीं हैं इसके बारे में जानकारी दी है ।

भारतीय दंड संहिता की धारा 79 के अनुसार ऐसी कोई भी बात या कार्य अपराध नहीं हैं जो ऐसे व्यक्ती द्वारा किया जाए जो बात या कार्य करने के लिए वो विधि द्वारा न्यायानुमत हैं या तथ्य के भुल के कारण सद्भावपूर्वक विश्वास करता हैं की वह कार्य करने के लिए वह विधि द्वारा न्यायानुमत हैं ।

दृष्टांत –

क , य को ऐसा कार्य करते हुए देखता हैं जो क को हत्या लगता हैं । क सद्भावपूर्वक अपने श्रेष्ठ निर्णय के नुसार शक्ति को प्रयोग में लाकर जो विधि ने उसे वह कार्य करने के लिए दी रखी हैं , य को उचित प्राधिकारियों के समक्ष लेकर जाने के लिए य को अभिगृहीत करता हैं । क ने कोई भी अपराध नहीं किया हैं तत्पश्चात यह बात सामने आए की य‌ यह काम आत्म – प्रतिरक्षा के लिए कर रहा था ।

अब इस धारा को हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं ‌। मान लीजिए की आप दुकानदार हैं और आपके सामने क और ख यह दो व्यक्ती लड़ाई कर रहे हैं । क ने ख को मार डाला । अब दुकानदार ने क को पकडने की कोशिश की लेकीन क वहां से दूर भाग गया और दूकानदार क को पकड़ नहीं पाया ।

अब क इस अपराधी को पकड़ने के लिए दूकानदार बाउंड नहीं हैं । क्योंकी विधि में कहा गया हैं की अगर कोई आम व्यक्ती किसी अपराधी को पकड़ सकता हैं लेकिन पकड़ने के लिए वह बाउंड नहीं हैं लेकिन अगर यह सब अगर पुलिस अफसर के सामने होता हैं तो वह अपराधी को पकड़ने के लिए बाउंड हैं ।

अब हम आपको इस धारा का और एक उदाहरण देकर समझाते हैं ‌। A नाम का व्यक्ती हैं उसने B और C को लड़ाई करते हुए देखा । B ने C को मारा । यह देखकर A ने B को पकड़ लिया और अरेस्ट करवाया ‌। लेकिन बाद में पता चला की B सिर्फ अपने संरक्षण के लिए C को मार रहा था । C यह व्यक्ती B को जान से मारने की कोशिश कर रहा था । अब A को अपराधी नहीं बोला जाएगा । क्योंकी A ने जो किया हैं वह विधि के हिसाब से सही हैं । A को लगा की B यह व्यक्ती C को मार रहा हैं । इसलिए उसने B को अरेस्ट करवाया । तथ्यों की गलती के वजह से A को ऐसा लगा की वह जो कर रहा हैं वह बिल्कुल सही हैं ‌।

इस पोस्ट में हमने आपको भारतीय दंड संहिता की धारा 79 के बारे में जानकारी दी है । हमारी यह पोस्ट शेयर जरुर किजिए । धन्यवाद !

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